Book Title: Wah Zindagi
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 67
________________ जाएगा, वह स्वत: हमारा स्वभाव और प्रकृति बनता जाएगा। अपने हर दिन की शुरूआत मुस्कान से करें। मेरी यह सतत प्रेरणा रही है कि सुबह जैसे ही आँख खुले, एक मिनट तक मुस्कुराया करें। शरीर की ताज़गी और मन की तंदुरूस्ती के लिए यह सबसे अच्छा टॉनिक है। मुस्कुराइये, अभी भी, कभी भी । मुस्कान तो सर्दी में खिलने वाली उस धूप की तरह है जो हर हाल में अच्छी ही लगती है। अंतिम अनुरोध : हर सुबह पन्द्रह मिनट योग और प्राणायाम करें । लगभग आधे घंटा ध्यान अवश्य करें। अपनी आती-जाती सांसों पर ध्यान करें। सांसों के आवागमन को देखने का आनंद लें। अंतरमन में यह भाव रखें कि मैं ध्यान धर रहा हूं अर्थात स्वयं को शांतिमय और आनंदमय बना रहा हूँ। जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखें और सकारात्मक भाव लिये हुए ध्यान योग में अधिष्ठित हों। नज़रिये को अच्छा बनाने के ये कुछ सूत्र हुए। अच्छा नज़रिया, अच्छी सोच, आत्म-विश्वास, कार्य-योजना और कठिन परिश्रम ये ही तो सफल जीवन के आधार हैं। अगर आप सफल जीवन की चाहना रखते हैं तो अभी इसी क्षण अपनी सोच और दृष्टि को, वाणी और व्यवहार को बेहतर और सकारात्मक बनाने का फैसला कर लीजिए। आपका यह फैसला ही आपके भविष्य को तय करेगा। ००० ६० वाह! ज़िन्दगी Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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