Book Title: Wah Zindagi
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

View full book text
Previous | Next

Page 68
________________ वाह ! ज़िन्दगी आत्मविश्वास जगाएँ, असंभव का 'अ' हटाएँ "संघर्ष के मैदान में जीतता वही है जिसके भीतर जीतने का जज़्बा है। आप जीतने का विश्वास जगाएँ, आपके भीतर सिकंदर की छवि स्वत: उभरने लग जाएगी।" पनी बात का प्रारम्भ ऐसी घटना से करूँगा जिस पर विचार करने से हमारा सोया हुआ आत्म-विश्वास फिर से जाग्रत और सक्रिय हो सकता है। “सूमो पहलवानों के इतिहास में ओनामी नामक एक प्रसिद्ध पहलवान हुआ है। वह इतना सबल था कि अगर वह हाथी को पकड़ लेता तो हाथी का उसके चंगुल से छूटना मुश्किल था। जिसके शरीर में इतना बल था फिर भी न जाने वह कैसे और क्यों मानसिक कमजोरी का शिकार हो गया और उसका मनोबल टूट गया। परिणामत: जिसके नाम से देश के पहलवान थर्रा उठते थे, वह अब अपने ही शिष्यों से परास्त हो जाता था। उसने अनेक प्रयास किए किन्तु अपने मनोबल को वह फिर से प्राप्त न कर सका। आखिर में परेशान होकर वह अपने ध्यान-गुरु के पास गया और उन्हें अपनी समस्या कह सुनाई। आत्मविश्वास जगाएँ, असंभव का 'अ' हटाएँ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114