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२५२) श्री बुंदेलखण्ड प्रांतिक सभाके सभापति होकर दान
किये। ४२५) श्री सम्मेदशिखरजीमें कलशाभिषेकके लिये १०००) श्री स्याद्वाद महाविद्यालय काशीके ध्रुवफण्डमें दिये ।
वीर विद्यालय पपौरा अतिशय क्षेत्रमें२५१) विद्यालय मकान उद्घाटनके समय १००) एक विद्यार्थीके लिये दिये
आप कई छात्रोंको ५)व ३) मासिक छात्रवृत्तिये भी देते हैं।
जिस समय धर्मशाला व जिन मंदिरका उद्घाटन किया गया था, आपने १०००) जैन संस्थाओंको व ५०५) नीचे लिखी ५संस्थाओंको १०१) के हिसाबसे दान किया। इससे आपका सार्वजनिक प्रेम व हितकी भावना प्रगट होती है । (१) रामलीला, (२) गणेशोत्सव, (३) व्यायामशाला. (४) अनाथालय आर्यसमाज, (५) अन्जुमन इस्लाम । इसप्रकार आपकादान करीब १७८०००) का होजाता है । और भी फुटकर दानोंको मिलाकर आपने करीब दो लाख रुपयाका दान किया है।
__ हमारी भावना है कि आप दीर्घायु होकर जैन धर्म व जैन साहित्य व जैन समाजकी लौकिक व धार्मिक उन्नतिमें अपना तन, सन, धन अर्पण कर अपने जीवनको सफल करें।
. सूरत. वीर सं० २४६१ . मूलचन्द कसनदास कापडिया-प्रकाशक । फाल्गुन सुदी८ ,