Book Title: Vidyarthi Jain Dharm Shiksha
Author(s): Shitalprasad
Publisher: Shitalprasad

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Page 12
________________ [८] किये, तब सर्व उपस्थित जनताने आपको दानवीरका पद दिया, नगरमे स्वागत हुआ, भेलसाकी परलिकने भी आपको वधाई दी। २५००) जैन कन्याशाला या आश्रम भेलसाके लिये इसी अधिध शनके समय प्रदान किये, जिसमे २०००) अपनी माता शक्करबाईकी तरफसे व ७०००) अपनी धर्मपत्नी सौ० भगवतीबाईकी तरफसे दिये । ५०१) जैन महिलाश्रम दिहलीको इटारसी अधिवेशनके समय । २५१) भा० दि० जैन परिषट भेलसा । २५०) मा० दि० जैन परिषट इटारसी अधिवेशन | श्री देवगढ़ अतिशयक्षेत्रपर सभापति होकर आपने इस भाति दान किया -- ५०१) कलशाभिषेकके लिये २७५) फूलमाल लेनेमे १५१) कुआ व जीर्णोद्धारमें ५०१) भा० दि० जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी, बम्बई श्री थूवौनजी अतिशयक्षेत्रपर उसके तीसरे अधिवेगनके समय इस प्रकार दान दिया.८०१) कलशामिपेकमे २५२) मस्तकाभिषेकमें २०५) फूलमालमें ' २०१) क्षेत्र भंडारमे

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