Book Title: Syadvad Author(s): Shankarlal Dahyabhai Kapadia, Chandanmal Lasod Publisher: Shankarlal Dahyabhai Kapadia View full book textPage 8
________________ अज्ञानतिमिर तरणि, कलिकाल कल्पतरु, भारत दिवाकर, पंजाब केशरी युगवीर जैनाचार्य श्री १००८ श्रीमद् विजयवल्लभसूरीश्वरजी महाराज के पट्टधर आ. श्री विजय समद्रसूरिजी तथा गणिवर श्री जनक विजयजी के सदुपदेशले वीसा श्रीमाली तपागच्छ श्री संघ जामनगर ( सौराष्ट्र ) की तर्फसे सादर भेट सं २०१३. परमागमस्य जीव निषिद्ध जात्यन्ध सिन्धुर विधानं । सकलनबबिल सितानां विरोधमयनं नमाम्यने कान्तम् ।। भावार्थ-जन्मान्ध पुरुषों के हस्तिविधान को दूर करने वाले समस्त नवों के द्वारा प्रकाशित, विरोधों का मंचन करने वाले उत्कृष्ट जैन सिद्धांत के जीवन भूत, एक पक्ष रहित 'स्वाद्वाद' को मैं नमस्कार करता हूँ । पुरुषार्थ सिभ्युपाय श्रीमद् अमृतचन्द्र सूरि,Page Navigation
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