Book Title: Sumitra Charitram
Author(s): Harshkunjar Upadhyay
Publisher: Shravak Hiralal Hansraj
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________________ CTEDROOOD DOIDDED O __ अर्थ-मंत्री विगेरेना सूरआदि पुत्रो पण तेज गुरुनी पासे पोतपोताना कुळने उचित सर्व कळाओ मयनवडे शीखत्ता हता. स्वल्पेनापि हि कालेन / पंचभिस्तैरनुक्रमात् // शस्त्रशास्त्रादिका रम्याः। शिक्षिताः सकलाः कलाः // 38 // - अर्थ-ए प्रमाणे अभ्यास करता थोडा काळमांज ते पांचे विद्यार्थीओ अनुक्रमे शस्त्र-शास्त्रादिनी रम्य एवी सर्व कळाओ शीख्या. |तं कुमारं चतुर्भिस्तैः / समानैः सखिभियुतं / / उदारचरितं चारु-रूपलावण्यशालिनं // 39 // - अर्थ-चार समान मित्रोथी परवरेला ते उदार चरित्रवाळा अने रुपलावण्यशाली // 39 // प्रविलोक्य जनाः सर्वे / प्रशंसंति यथा यथा // द्वाविंशतिः कुमारास्ते / दंदाते तथा तथा // 40 // ____ अर्थ-एवा कुमारने जोइने सर्वे जनो जेम जेम तेनी प्रशंसा करता हता तेम तेम ते सांभळीने बावीश राजकुमारो पोताना मनमा खेद धारण करता हता. // 40 // मातास्य चिंतयत्येवं / मा भूयाद्विघ्नमस्य वै / / कश्चित्सिद्धः समायात-स्तस्मिन्नवसरे पुरे // 41 // . ____ अर्थ-ममित्रनी माता हमेशां विचारती हती के-'मारापुनने कोइ.पकारनुं विघ्न न थाओ.' एवामां ते नगरमां कोई सिद्ध पुरुष आव्या. H-41 // स चाकार्यानया पृष्टः / वपुत्रहितकांक्षया // रक्षाविधानं किंचिद्भो / वेत्सि नो वेति सोऽब्रवीत् // 42 // ... अर्थ-तेने बोलावीने तेणे पोताना पुत्रना हितनी इच्छाथी ' तमे काइ रक्षाविधान जाणो छो के नहीं ?' एम पूज्यु. त्यारे | तेणे का के-॥४२ N EL Jun Gun Aaradhak Trust PP.AC.Gunratnasuri M.S.

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