Book Title: Sumitra Charitram
Author(s): Harshkunjar Upadhyay
Publisher: Shravak Hiralal Hansraj

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Page 80
________________ सुमित्र a | चरित्रम् // 79 // उपांगदेशमागच्छ-दखेडेस्तु प्रयाणकैः // कुर्वाणः पथि सीमाल-भूपालाज्ञावशंवदान् // 99 // - अर्थ-अविरत प्रयाणवडे चालतां अंगदेशनी नजीक आव्या एटले प्रथम सोमा पर रहेला सर्व राजाओने जीती पोताने वश कर्या. ससैन्यं श्रीसमित्रेशं / श्रुत्वा सीम्नि समागतं // स्वचक्र मेलयित्वा ते / रयात्संमुखमाययः // 10 // अर्थ-चंपापुरीमा रहेला राजाए सुमित्र राजाने लश्कर साथे पोतानी सोमा पर आवेल सांभळ्यो, एटले ते पण पोतार्नु सैन्य एकत्र करीने सामे आव्यो. // 10 // | संजग्मतीरनादौ / सेनांभोधी रयादथ // प्रलयानलसंक्षुब्धौ / सह्यविध्यगिरी इव // 1 // अर्थ-बने सैन्यो एकठा मळ्या एटले सेनारुपी समुद्रमांथी जे भयंकर नाद उछळ्यो ते जाणे प्रलयकाळना अग्निथी संक्षुब्ध थयेला सह्याद्रि ने विध्यादिना मळवाथी थयो होय एम जणावा लाग्यो. // 1 // रत्नवर्णरूप्यमय-स्फारकोटीरमंडलैः // रविचंद्रसहस्राढणं / तदानी खमजायत // 2 // ___अर्थ-रत्न, स्वर्ण अने रुप्यमय स्फार एवा मुकुटोना समूहथी जाणे हजारो सूर्यचंद्रवाळु आकाशज न होय एम जणावा लाग्यु. गजगारवैरश्व-हेषित रथचीत्कृतः॥ पादातिक्ष्वेडशब्दैश्च / जगन्नादमयं बभौ // 3 // ___अर्थ-हाथीना गर्जारवथी, घोडाओना हैषारवथी, स्थना चीत्कारोथी अने पायदळोना सिंहनादोथी आखं जगत् नादमय थइ गयु. // 3 // . . . 79 // PP.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust

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