Book Title: Sumitra Charitram
Author(s): Harshkunjar Upadhyay
Publisher: Shravak Hiralal Hansraj
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________________ सुमित्र चरित्रम् // 81 // DDDDDDDDDDDDDDDDDDDDHI .. अर्थ-ते रणांगणमा रुधिरयी संतोष पामेला वेतालो नाचे तेम छेदाइ गयेला शरीरवाळा महारौद्र एवा कबंधो नाचवा लाग्या. जाते समरसंमः / ते वैरिसभटवजाः // संनिन्यः श्रोसमित्रस्य / सैन्यं दैन्यदशामिदं // 9 // अर्थ-आ प्रमाणे युद्धनो संमर्द थवाथी वैरीना सुभटोए सुमित्र राजाना सैन्यने दीनदशावालू करी दी . // 9 // .. हतप्रतापमालोक्य / स्वं सैन्यं श्रीसुमित्रराट् / तत्कालं स समास्फाल्य / पाणिना धनुराददे // 10 // " अर्थ-तेवुहत प्रतापवाळा पोताना सैन्यने जोइने श्री मुमित्र राजाए तत्काळ हाथवडे आस्फालन करीने धनुष्य ग्रहण कयु.॥ कुर्वन्नितस्ततो राज-हंसान धाराधरोपमः॥ श्रीसमित्रो ववर्षाशु / धरासारैः शरोत्करैः // 11 // ___ अर्थ-अने धाराधर वरसादनी उपमावाळा सुमित्र राजाए धाराना सारभूत एवा उत्कट वाणों वरसावीने राजाओरूप हंसोने आम तेम छुटा पाडी दीधा. // 11 // खंडयित्वा किरीटानि / मुंडयित्वा शिरांसि च // लक्ष विलक्षतां निन्ये / शत्रराजगणस्य सः॥ 12 // __अर्थ-शत्रुभूत राजाओना समूहना मुकुटोनुं खंडन करी नाखीने, तेमना मस्तकाने याणवडे मुंडो नाखीने तेमना लक्षने विलक्ष करी मूक्यु. / / 12 / / ततः शत्रुमहासैन्यं / भग्नं लेभे जयश्रियं // श्रीसुमित्रनरेंद्रोऽसौ / सौमित्रिसदृशो बली // 13 // ___ अर्थ-एटले शत्रुतुं सैन्य भागया मांडयुं अने सौमित्रो (लक्ष्मण)नी जेम बळवान एवो सुमित्र राजा विजयवंत थयो. // 13 // LOOOOOOOOOOOOOOOOOODD PP.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust

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