Book Title: Subhashit Manjari Purvarddh
Author(s): Ajitsagarsuri, Pannalal Jain
Publisher: Shantilal Jain

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Page 11
________________ पृष्ठ श्लोक १०० अभीतितोऽत्युत्तमरूपत्त्व १२० अना च्छाद्य स्वसामर्थ्य १२२ अहोमया प्रमत्तन १२६ अन्वयवतमस्माक १३२ अन्धा कुब्जक वामनाति विकला अल्पायुषः प्राणिन १३४ अह्नो मुहूर्त मात्र य १४२ अजलिस्थानि पुष्पाणि १५१ अप्रियवचन दरिद्र । १६७ अनाहूता स्वय यान्ति आ ४ आयातस्त्रि जगत्पते तव पद ६२ आदि शान्ति पराश्चेति ६७ आशा नाम मनुष्याणा ६७ आशाये दासास्ते ६८ आशा नाम नदी मनोरथजला ६८ आशागर्त प्रति प्राणी ७१ आसापिसायगहियो ७२ प्रारम्भो जन्तु घातश्च ८९ आजन्म जायते यस्य ६५ आर्येभ्य आर्यिकाभ्यश्च १३७ आजन्मगुरू देवानां १५७ आयु स्तेजो बल वीर्य

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