Book Title: Sadhu Pratikramanadi Sutrani Author(s): Jagjivan Jivraj Kothari, Publisher: Jagjivan Jivraj Kothari View full book textPage 8
________________ साधुसाध्वी ।। ३ ।। पडि० चउहिं सन्नाहिं, आहारसन्नाए, भयसन्नाए, मेहुणसन्नाए, परिग्गहसन्नाए पडि० चउहिं विकहाहिं, | इत्थिकहाए, भत्तकहाए, देसकहाए, रायकहाए. पडि० चउहिं झाणेहिं, अद्वेणं झाणेणं, रुद्देणं झाणेणं, धम्मेणं झाणेणं, सुक्केणं झाणेणं. पडि० पंचहिं किरिआर्हि, काइआए, अहिगरणियाए, पाउसिआए, पारितावणिआए, पाणाइवाए किरिआए. पडि० पंचहिं कामगुणेहिं, सद्देणं, रूवेणं, रसेणं, गंधेणं, फासेणं. पडि० पंचहिं महव्वएहिं, पाणाइवायाओ वेरमणं, मुसावायाओ वेरमणं, अदिन्नादाणाओ वेरमणं, मेहुणाओवेरमणं, परिग्गहाओ वेरमणं. पडि० पंचहिं समिइएहिं, इरिआसमिइए, भासासमिइए, एसणास मिइए, आयाणभंडमत्त निख्खेवणासमिइए, उच्चारपासवण खेलजलसिंघाणपारिट्ठावणिआसमिइए. पडि० छहिं जीवनिकाएहिं, पुढविकाएणं, आउकाएणं, तेउकाएणं, वाउकाएणं, वणस्सइकायणं, तसकाएणं, पडि० छहिं लेसाहिं, किण्हलेसाए, नीललेसाए, काउलेसाए, तेउलेसाए, पम्हलेसाए, सुकलेसाए- पडि० सत्तहिं भयठाणेहिं, अट्टहिं मयठाणेहिं, नवहिं वंभचेर गुत्तिहिं, दसविहे समण धम्मे, इगारसहिं उवास गपडिमाहिं, वारसहिं भिक्खुपाडमाहिं, तेरसहि किरिआठाणेहिं, चउद्दसहिं भूअगामेहिं, पन्नरसहिं परमाहम्मिएहिं, Jain Education International For Personal & Private Use Only प्रतिक्रमण सूत्र. ॥ ३ ॥ www.jainelibrary.orgPage Navigation
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