Book Title: Sadhu Pratikramanadi Sutrani
Author(s): Jagjivan Jivraj Kothari, 
Publisher: Jagjivan Jivraj Kothari

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Page 43
________________ कसकर ॥९॥ श्रीदशकालिक सूत्रके ४ अध्ययन ॥ धम्मो मंगलमुक्किटं, अहिंसा संजमो तवो॥ देवा वितं नमसंति, जस्स धम्मे सया मणो ॥१॥ जहा | | दुमस्स पुप्फेसु, भमरो आवियइ रसं ॥ न य पुष्पं किलामेइ, सो अ पीणेइ अप्पयं ॥२॥ एमेए समणा | वुत्ता, जे लोए संति साहुणो ॥ विहंगमा व पुप्फेसु, दाण-भत्तेसणे रया॥३॥ वयं च वित्तिं लब्भामो, | न य कोइ उवहम्मइ ॥ अहागडेसु रीयंते, पुप्फेसु भमरा जहा ॥ ४ ॥ महुकारसमा बुद्धा, जे भवंति अणिस्सिया ॥ नाणापिंडरया दंता, तेण वुच्चंति माहुणो॥५॥त्ति बेमि ॥ दुम्मपुष्फिअज्झयणं ॥१॥ कहं नु कुज्जा सामण्णं, जो कामे न निवारए ॥ पए पए विसीयंतो, संकप्पस्स वसं गओ ॥१॥18 वत्थ-गंध-मलंकार, इथिओ सयणाणि य ॥ अच्छंदा जे न भुंजंति, न से चाइ त्ति वुच्चइ ॥२॥ जे | अ कंते पिए भोए, लद्धे वि पिटि कुबई ॥ साहीणे चयइ भोए, से हु वाइ ति वुच्चइ ॥३॥ समाइ पेहाइ परिव्वयंतो, सिआमणो निस्सरइ बहिद्धा ॥ न सा महं नोवि अहं पि तीसे, इच्चेव ताओ विण- 12 इज रागं ॥ ४ ॥ आयावयाही चय सोगमलं, कामे कमाही कमियं खु दुक्खं ॥ छिंदाहि दोसं विणइ-18| XXXXX Join Education international For Personal & Private Use Only www.iminelib yong

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