Book Title: Sadhu Pratikramanadi Sutrani
Author(s): Jagjivan Jivraj Kothari, 
Publisher: Jagjivan Jivraj Kothari

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Page 73
________________ 18 सुमित्र विजय समुद्रविजय अश्वसेन सिद्धार्थ एते वर्तमानचतुर्विंशतिजिनजनकाः॥ ॐ श्रीमरुदेवी वि-18| * जया सेना सिद्धार्था सुमङ्गला सुसीमा पृथिवीमाता लक्ष्मणा रामा नन्दा विष्णु जया श्यामा सुयशा - सुव्रता अचिरा श्री देवी प्रभावती पद्मा वा शिवा वामा त्रिशला इति वर्तमानजिनजनन्यः ॥ ॐ श्रीगोमुख महायक्ष त्रिमुख यक्षनायक तुम्बुरु कुसुम मातङ्ग विजय अजित ब्रह्मा यक्षराज कुमार षण्मुख । पाताल किन्नर गरुड गान्धर्व यक्षराज कुबेर वरुण भृकुटि गोमेध पार्श्व ब्रह्मशान्ति । इति वर्तमानजिनयक्षाः ॥ ॐ चक्रेश्वरी अजितबला दुरितारिः काली महाकाली श्यामा शास्ता भृकुटि सुतारका ४ अशोका मानवी चण्डा विदिता अंकुशा कन्दर्पा निर्वाणी बला धारिणी धरणप्रिया नरदत्ता गान्धारि अम्बिका पद्मावती सिद्धायिका एता वर्तमानचतुर्विशतितीर्थंकरशासनदेव्यः॥ | ॐ ह्री श्री धृति-मति-कीर्ति-कान्ति-बुद्धि-लक्ष्मी-मेधा-विद्यासाधन-प्रवेश निवेशनेषु सुगृहीतनामानो है जयन्तु ते जिनेन्द्राः ॥ ॐ श्रीरोहिणी प्रज्ञप्ति वज्रशृङ्खला वज्राङ्कुशा चक्रेश्वरी पुरुषदत्ता काली महा-2 काली गौरी गान्धारी सर्वास्त्रा-महाज्वाला मानवी वैरूट्या अछुप्ता मानसी महामानसी, एताः षोडश, Join Education international For Personal & Private Use Only www.iminelib yong

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