Book Title: Sadhu Pratikramanadi Sutrani
Author(s): Jagjivan Jivraj Kothari,
Publisher: Jagjivan Jivraj Kothari
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सूत्र
साधुसाध्वी प्रीयन्तां प्रीयंतां भगवन्तोर्हन्तः सर्वज्ञाः सर्वदर्शिनस्रिलोकनाथास्त्रिलोकमहिताः त्रिलोकपूज्यात्रिलोके है
है प्रतिक्रमण ॥३५ ।।
हैश्वरात्रिलोकोद्योतकराः ॥ ॐ श्रीकेवलज्ञानी निर्वाणी सागर महाशय विमल सर्वाऽनुभूति श्रीधर दत्त है। 2 दामोदर सुतेजा स्वामी मुनिसुव्रत सुमति शिवगति अस्ताघ नमीश्वर अनिल यशोधर कृतार्थ जिने|श्वर शुद्धमति शिवकर स्यन्दन संप्रति एतेऽतीतचतुर्विशतितीर्थकराः ॥ ॐ श्रीऋषभ अजित संभव | अभिनन्दन सुमति पद्मप्रभ सुपार्श्व चन्द्रप्रभ सुविधि शीतल श्रेयांम वासुपूज्य विमल अनन्त धर्म शा-8 |न्ति कुन्थु अर मल्लि मुनिसुव्रत नमि नेमि पार्श्व वर्धमान एते वर्तमानचतुर्विंशतिजिनाः॥ ॐ श्रीपद्म-18 नाभ सुरदेव सुपार्श्व स्वयंप्रभ सर्वानुभूति देवश्रुतः उदय पेढाल पोट्टिल शतकीर्ति सुव्रत अमम निष्क-* पाय निष्पुलाक निर्मम चित्रगुप्ति समाधि संवर यशोधर विजय मल्लि देव अनन्तवीर्य भद्रंकर । एते है। भाविचतुर्विशतितीर्थंकराः, जिनाः, शान्ताः शान्तिकरा भवन्तु ॐ मुनयो मुनिप्रवरा रिपुविजयदुर्भि-12 |क्षकान्तारेषु दुर्गमार्गेषु रक्षन्तु वो नित्यम् स्वाहा ।। ॐ श्रीनाभि जितशत्र जितारी संवर मेघ धर प्र- ॥३५॥ | तिष्ठ महासेननरेश्वर सुग्रीव दृढरथ विष्णु वसुपुज्य कृतवर्म सिंहसेन भानु विश्वसेन सूर सुदर्शन कुम्भ 8
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