Book Title: Sadhu Pratikramanadi Sutrani
Author(s): Jagjivan Jivraj Kothari, 
Publisher: Jagjivan Jivraj Kothari

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Page 42
________________ सूत्र. साधुसाध्वी है। उमराइणिआ वंदति,अजया वदति अज्जियाओ वंदंति,सावया वंदति सावियाओ वंदंति,अहं पि निस्सल्लो, प्रतिक्रमण | निक्कसाओत्तिकट्ट, सिरसा, मणसा, मत्थएण वंदामि ॥२॥इति ॥गुरुवचनं ॥ अहमविवंदामि चेइआई॥ ____इच्छामि खमासमणो, अब्भुष्टिओहं, तुब्भण्हं, संतिअं, अहाकप्पं वा, वत्थं वा, पडिग्गहं वा, कंबलं । वा, पायपुच्छणं वा,रयहरणं वा, अक्खरं वा, पयं वा, गाहं वा, सिलोगं वा, मिलोगढ़ वा, अझं वा, हे वा, पसिणं वा, वागरणं वा, तुब्भेहिं, यत्तेण दिन्नं, मए अविणएण, पडिच्छिअं, तस्स मिच्छामि दुक्कडं ॥३॥ इति॥ गुरुवचनं ॥ आयरियसंतिअं॥ इच्छामि खमासमणो, अहमपुबाई, कयाइं च मे, कियकम्माई, आयारमंतरे, विणयमंतरे, सेविओ, । सेवाविओ, संगहिओ, उवग्गहिओ, सारिओ, वारिओ, चोइओ, पडिचोइओ, चिअत्ता मे, पडिचोयणा, It १ अब्भुटिओ हं,तुन्भण्हं तवतेयसिरीए, इमाओ चाउरंतसंसारकंताराओ, साह, नित्थरिस्सामि तिकट्ट, | सिरसा, मणसा, मत्थएण वंदामि ॥ ४ ॥ इति ॥ गुरुवचनं ॥ ८॥ नित्थारगपारगा होह ॥ ॥ इति पाक्षिकक्षामणा संपूर्णा ॥ CASECUREMORSCORRRRRENCY शा॥ २० ॥ Join ucation International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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