Book Title: Sadhu Pratikramanadi Sutrani
Author(s): Jagjivan Jivraj Kothari, 
Publisher: Jagjivan Jivraj Kothari

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Page 60
________________ साधुसाध्वी ॥२९॥ प्रतिक्रमण जुत्ता, आयरभूसिअ-संभमापडिय-सुहसुविम्हिअ-सव्वबलोघा । उत्तमकंचण-रयणपरूविअभासुरभूसण-18 भासुरिअंगा, गायसमोणयभत्तिवसागय-पंजलिपेसियसीसपणामा ॥ २३ ॥ रयणमाला ॥ वंदिऊण थो- सूत्र. ऊण तो जिणं, तिगुणमेव य पुणो पयाहिणं । पणमिऊण य जिणं सुरासुरा, पमुइआ सभवणाई तो है गया ॥ २४ ॥ खित्तयं ॥ तं महामुणिमहं पि पंजली, राग-दोस-भय-मोहवज्जियं । देव-दाणव-नरिंदवं-2 ४ दिअं संतिमुत्तमहातवं नमे ॥ २५॥ खित्तयं ।। अंबरंतरविआरणिआहिं, ललिअहंसवहुगामणिआहिं॥1 पीणसोणित्थणसालिणिआहिं, सकलकमलदललोयणिआहिं ॥ २६ ॥ दीवयं ।। पीण-निरंतरथणभरवि-181 हैणमियगायलयाहिं, मणि-कंचणपसिढिल-मेहलसोहिअसोणितडाहिं ॥ वरखिखिणि-नेऊर-सतिलय-वलय-18 विभूसणिआहिं, रइकरचउरमणोहर-सुंदरदंसणियाहिं ॥ २७ ॥ चित्तक्खरा ॥ देवसुंदरीहिं पायवंदिआहिं वंदिआ य जस्स ते सुविकमा कमा अप्पणो निडालएहिं मंडणोड्डणप्पगारएहि केहि केहिं वी ।। अवंग-तिलय-पत्तलेहनामएहिं चिल्लएहिं संगयं गयाहिं । भत्तिसन्निविठ्ठवंदणागयाहिं हुंति ते वंदिया पुणो ॥२९॥ BI पुणो ॥ २८ ॥ नारायओ ॥ तमहं जिणचंदं अजिअं जियमोहं । धुयसबकिलेत पयओ पणमामि । COMSO-ORICKS Join Education international For Personal & Private Use Only www.iminelib yong

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