Book Title: Sadhu Pratikramanadi Sutrani
Author(s): Jagjivan Jivraj Kothari,
Publisher: Jagjivan Jivraj Kothari
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पि अन्नं न समणुजाणामि, तस्स भंते ! पडिकमामि, निंदामि, गरिहामि, अप्पाणं वोसिरामि. से मुसा-3 ४] वाए चउविहे पण्णत्ते, तं जहा. दबओ, खित्तओ, कालओ, भावओ, दवओणं मुसावाए सव्वदव्वेसु, | खित्तओ णं मुसावाए लोए वा अलोए वा, कालओ णं मुसावाए दिआ वा राओ वा, भावओ णं मु| सावार रागेण वा दोसेण वा, जं पिय मए इमस्स धम्मस्स केवलिपण्णत्तस्स, अहिंसालक्खणस्स, सच्चा| हिटिअस्स, विणयमूलस्स, खंतिप्पहाणस्स, अहिरण्णसोवण्णियस्स, उवसमप्पभवस्स, नववंभचेरगुत्तस्स, | अपयमाणस्स, भिक्खावित्तिअस्स, कुक्खिसंबलस्स, निरग्गिसरणस्स, संपक्खालिअस्स, चत्तदोसस्स, गु-| | णग्गाहिअस्स, निविआरस्स, निवित्तिलक्खणस्स, पंचमहव्वयजुत्तस्स, असंनिहिसंचयस्स, अविमंवा-3 | इअस्स, संसारपारगामिअस्स, निव्वाणगमणपजवसाणफलस्स, पुदि अन्नाणयाए, असवणयाए, अबो| हियाए, अणभिगमेणं, अभिगमेण वा, पमाएणं रागदोसपडिबद्धयाए, बालयाए, मोहयाए, मंदयाए, है | किड्डयाए, तिगारवगुरुआए, चउकसाओवगएणं, पंचिंदिअवसट्टेणं, पडिपुण्णभारियाए, सायासुक्खम| णुपालयंतेणं, इहं वा भवे अन्नेसु वा भवग्गहणेसु, मुसावाओ भासिओ वा, भासाविओ वा, भासिजतो
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