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मांस
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अष्ट मूलगुण मध-मांस-मधु त्याग संयुक्ताणुव्रतानि नुः ।
अष्टौ मूलगुणाः पञ्चोदुम्बरैश्चार्भकेष्वपि।।१९. अन्वयार्थ : मद्य
मद्य मांस मधु-त्याग
मधु के त्याग मां..
सहित अणुव्रतानि
अणुव्रत
अवश्य अष्टौ
आठ मूलगुणाः
मूलगुण हैं।
और पच
पाँच उदम्बरैः
उदम्बर (त्याग) आर्भकेषु
बालकों के लिए अपि
भी है) अर्थ : तीन मकारों का त्याग व पाँच अणुव्रत ग्रहण ये आठ मूलगुण हैं। बालकों के लिए तीन मकार त्याग व पंचोदुम्बर फल त्याग ये आठ मूलगुण हैं। ___ भावार्थः मूल शब्द के प्रधान, जड़, प्रारंभ, आधार, स्त्रोत, पाठ, छोर आदि तथा गुण शब्द के भाव, आचरण, धर्म, स्वभाव, उपयोग, लाभ, प्रभाव आदि अर्थ हैं ।
यहाँ मूलगुण शब्द का अर्थ है-प्रधान आचरण। श्रावकों के लिए जो आचरण अवश्यंभावी है, वे मूलगुण हैं। यद्यपि उसकी ८ संख्या निर्धारित की गई हैं,। परन्तु वे तीन प्रकार से पाये जाते हैं। यथा स्वामी समन्तभद्र का कथन है कि
मद्य-मांस-मधुत्यागैः सहाणुव्रतपञ्चकम् । अष्टौ मूलगुणानाहुहिणां श्रमणोत्तमाः ।।
(रत्नकरण्ड प्रावकाचार - ६६) अर्थ : श्रमणोत्तमों ने गृहस्थों के आठ मूलगुण बताये हैं - मद्य-मांस-मधु त्याग तथा पंच अणुव्रतों का पालन। ___ ग्रंथकार शिवकोटि भी इस मान्यता का समर्थन करते हुए लिखते हैं मद्य-मांस-मधु त्याग, संयुक्ताणुव्रतानि नुः अष्टौ मूलगुणाः। - - - - - - - - - - - -- - - - - - --
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