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प्रवचन-धा
दुःख है कि मेरे निमित्त से आज तक आपको नना संपला उठाना पड़ा और दुष्कर्मों का वध करना पड़ा। मेरी और गे बापन प्रति पूर्ण क्षमा भाव। रही कपड़े धोने की बात, तो अभी शरीर में इतनी गामध्यं शिगह काम मैं स्वयं कर लूगा । इसके लिए आपको कष्ट उठाने की आवश्वाला नहीं है। यह सुन पड़ोसी स्तम्भित-सा रह गया । उस दिन के पश्चात वह पहली उसके नाम की माला प्रातः सायं काल फेरने लगा और उसका सच्चा मन बन गया ! सर्व और वह उसके गुण-गान करने लगा। उसकी इस भक्ति प्रो देशवर एका देवता ने परीक्षार्थ ब्रह्मा का रूप बनाकर नगर के पूर्व की ओर आसन जमाया। सारे नगर-निवासी लोग उसकी वन्दना के लिए गये । मगर वह पड़ोसी नहीं गया। बोला--सच्चा ब्रह्मा तो मेरे पड़ोस में ही रहता है। दूसरे दिन उस देवता ने विष्णु का रूप बनाकर दक्षिण दिशा में शासन जमाया। सब लोग उसकी वन्दना को गये, मगर यह नहीं गया । तीसरे दिन उस देवता ने महादेव का रूप बनाकर नगर के पश्चिम में और चौथे दिन कामदेव का स्प बनाकर नगर के उत्तर में आसन जमाया। मगर वह कहीं भी किमी की बन्दना के लिए नहीं गया और सबसे यही कहता रहा कि सच्चा ब्रह्मा, विष्णू, महादेव और कामदेव तो मेरा पडौसी ही है । इसके अतिरिक्त कोई बड़ा मेरे लिए नही है । जिसने सर्व प्रकार के अहंकार का परित्याग कर दिया है और जो स्यात्मनिष्ठ है, और स्वाभिमानी है, मैं तो उसे ही हाथ जोड़ता हूं। जो सांसारिक प्रपों में फंस रहे हैं, जिनके माया-मोह लग रहा है, जो राग-प से भरे हुए हैं, जिनका मन स्वयं अशान्त है, 'ऐसे व्यक्ति कैसे पूज्य हो सकते हैं। मैं तो अपने इस पदीसी को उन सबसे बढ़कर देखता हूं, इसलिए मंग तो यही आराध्य है, पूज्य है और मेरा यही सर्वस्व है। भाई, दूसरे के हृदय का परिवर्तन इस प्रकार किया जाता है और अपने ऊपर विजय इस प्रकार सहनशील वनकर प्राप्त की जाती है। जिसे अपने आपका भान हो जाता है, वहीं सच्चा स्वाभिमानी बन सकता है। भौतिक वस्तुओं के अभिमान को तो दर्प, मद या अहंकार कहते हैं । इसलिए मनुष्यों को इन भौतिक वस्तुओं का मदन करके अपने आत्म-गुणो का अभिमान करके उन्हें प्राप्त करने और आगे बढ़ाते रहने का प्रयत्न करते रहना चाहिए।
__ आपके सामने मीराबाई का उदाहरण उपस्थित है । वह कुड़की के मेड़तिये की लटकी और राणा रतनसिंह की रानी थी। उसका पीहर और ससुराल दोनों ही सर्वप्रकार से सम्पन्न थे। उसे आत्म-भान हो गया, तो राणा जी की रुकावट खटकने लगी। राणा ने कहा--देख मीरा, एक म्यान में दो तलवारें