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प्राकृत व्याकरण किन्तु जो ऋकारान्त शब्द विशेषण के रूप में प्रयुक्त हुआ हो उसमें उक्त नियम लागू नहीं होता है । जैसे :-हे पिअ, हे पिअर (हे पितः)
विशेष-कर्तृशब्द विशेषणवाची ऋकारान्त है, अत: उक्त नियम लागू नहीं हुआ | इससे 'हे कत्तार' रूप होगा। ___(२३) पितृ, भ्रातृ और जामातृ शब्दों से पर में किसी भी विभक्ति के आने पर ऋकार के स्थान में 'आर' का अपवाद 'अर' आदेश होता है। . विशेष-( क ) 'अर' आदेश होने पर उसके रूप भी अदन्त शब्दों के समान ही चलते हैं।
(ख) सु के पर में रहने पर ऋदन्त शब्दों के ऋ के स्थान में 'आ' आदेश विकल्प से होता है।
उपर्युक्त नियमों के अनुसार भर्तृ शब्द के रूप:
एकवचन प्रथमा भत्तारो द्वितीया भत्तारं तृतीया भत्तुणा, भत्तारेण पश्चमी भत्तारादो, भत्तुणो,
इत्यादि षष्ठी भत्तुणो, भत्तारस्स सप्तमी भत्तारे, भत्तारम्मि, भत्तुम्मि संबोधन हे भत्तार
बहुवचन भत्तुणो भत्तारा भत्तुणो, भत्तारे भत्तारेहिं भत्तहिं भत्तारहितो, भत्तुहितो, इत्यादि भत्तुणं, भत्ताराणं भत्तुसु, भत्तारेसु हे भत्तारा