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चतुर्थ अध्यायः एकवचन
बहुवचन षष्ठी बुद्धीअ-आ-इ-ए
बुद्धीण-णं सप्तमी " " "
बुद्धीसु-सुं संबोधन हे बुद्धि, बुद्धी
हे बुद्धी, बुद्धीओ, बुद्धीउ कुल इकारान्त स्त्रीलिङ्ग शब्दों के रूप उक्त बुद्धि शब्द के समान ही चलते हैं। ऐसे ही हेमचन्द्र के अनुसार घेणु, सही, वहू शब्दों के रूप भी चलते हैं।
उकारान्त स्त्रीलिङ्ग घेणु शब्द के रूप :प्रथमा घेणू
घेणू , घेणूओ, घेराउ द्वितीया घेणु
" " " तृतीया घेणूए-इ-आ-अ
घेणूहि-हि-हिं पञ्चमी घेणूदो घेणूइ, इत्यादि घेणू हितो-सुंतो षष्ठी घेणूए-इ-आ-अ
घेणूणं, घेणूण सप्तमी " "" "
धेरणूसु-सुं संबोधन हे घेणु: घेणू
हे घेणू , घेणूओ, इत्यादि __ सभी उकारान्त स्त्रीलिङ्ग शब्दों के रूप घेणु शब्द के समान ही चलते हैं।
ईकारान्त स्त्रीलिङ्ग नदी शब्द के रूप:प्रथमा नई. नईआ
नईओ, नईआ द्वितीया नई
नई, नईओ, नईआ तृतीया नईए-इ-आ-अ
नईहि-हि-हिं पञ्चमी नईए, नईअ, नइदो, इत्यादि नई, नईहितो, नईसुंतो