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पश्चमी
चतुर्थ अध्याय
१०१ युष्मद् शब्द के रूप :- . एकवचन
बहुवचन प्रथमा तुम, तं, तुं, तुवं, तुह ( झे, तुज्झ, तुज्ने, तुम्ह, तुम्हे
। उम्हे, तुझे दिनीया / तं, तुं, तुवं, तुम, तुह, वो तुझे, तुम, तुम्हे, तुझे
। तुमे, तुवे तृतीया
[दे, ते, तइ, तुए, तुम तुमइ, तुम्हेहि, तुझेहि, उम्हेहिं ( तुमर, तुमे, तुमाई उज्झेहि, तुझेहि इत्यादि ( तत्तो, तइत्तो, तुवत्तो, तुम्हाहिंतो, तुज्झाहितो,
तुमत्तो, तुज्झत्तो, तुम्हत्तो, तुज्झत्तो, तुम्हत्तो, तेहितो तुहत्तो, तुह्यत्तो, तदो, तुव, दुहितों इत्यादि
दुहि, तुमहिंतो इत्यादि १. हेमचन्द्र ३. ११ के अनुसार भे, तुन्भे, तुज्म, तुम्ह, तुम्हे, उरहे रूप होते हैं।
२. हेमचन्द्र ३. ९२ में तुए रूप बतलाया गया है।
३. हेमचन्द्र ३. ९३ में वो, तुज्म, तुब्भे, तुम्हे, उम्हे, भे, रूप वर्णित हैं।
४. हेमचन्द्र ३. ९४ के अनुसार-भे, दि, दे, ते, तइ, तए, तुम, तुमइ, तुमए, तुमे और तुमाइ रूप होते हैं।
५. हेमचन्द्र ३. ९५ के अनुसार-भे, तुम्भेहिं, तुज्झेहि, उज्झेहि, उम्हेहि, तुम्हेहिं, उव्हेहिं ये रूप होते हैं।
६. हेमचन्द्र ३. ९६ और ९७ के अनुसार-तइत्तो, तुवत्तो, तुमत्तो, तुहत्तो, तुब्भत्तो, तुम्हत्तो, तुज्झत्तो, तत्तो, तुम्ह, तुब्भतहिन्तो, तुम्ह, तुज्म इत्यादि रूप होते हैं।
७. हेमचन्द्र ३.६८ के अनुसार-तुन्भत्तो, तुम्हत्तो, उय्हत्तो, उम्हत्तो तुम्हत्तो, तुज्झत्तो तथा दोदुहिहिंतो-सुंतो ये रूप होते हैं।