________________ संस्कृत साहित्य का संक्षिप्त इतिहास (परीक्षोपयोगी संस्करण) श्री वाचस्पति गैरोला संस्कृत-साहित्य के इतिहास का यह संक्षिप्त संस्करण इस उद्देश्य से लिखा गया है कि विभिन्न विश्वविद्यालयों की उच्च कक्षाओं के पाठ्यक्रम में निर्धारित इतिहासविषयक ज्ञान के संवर्धनार्थ विद्यार्थीवर्ग का इससे लाभ हो सके। पाठ्यक्रम की दृष्टि से संस्कृत-साहित्य के इतिहास पर राष्ट्रभाषा हिन्दी में जो अनेक अन्य पुस्तकें लिखी गई हैं वे या तो सर्वांगीण नहीं हैं अथवा उनमें छात्रों के उपयोगी इतिहास के वैज्ञानिक अध्ययन की क्रमबद्ध रूपरेखा का अभाव है। .... यह इतिहास पाठ्यक्रम की दृष्टि से तो लिखा ही गया है; किन्तु संस्कृत के बृहद् वाङ्मय का आमूल ऐतिहासिक अध्ययन प्रस्तुत करने का भी इसमें उद्योग किया गया है। आज आवश्यकता इस बात की है कि संस्कृत के छात्रों को वैज्ञानिक दृष्टि से संस्कृत-साहित्य के इतिहास का अध्ययन कराया जाय, जिससे कि उनकी मेधाशक्ति का स्वतंत्र रूप से विकास हो सके और प्रस्तुत विषय पर मूल्य 8-00 प्राप्तिस्थानम्-चौखम्बा विद्याभवन, चौक, वाराणसी-१