________________
६०
एकवचन
षष्ठी नईए, - इ, आ-अ
सप्तमी ""
99 99 9"
संबोधन हे नई, नई
समान ही चलते हैं ।
प्राकृत व्याकरण
कुल ईकारान्त स्त्रीलिङ्ग शब्दों के रूप नदी शब्द के
प्रथमा वहू द्वितीया वहुं
बहुबचन नई, नई
अकारान्त स्त्रीलिङ्ग बहू ( वधू ) शब्द के रूप :
वहू, बहूओ, इत्यादि हू, बहूओ, इत्यादि वहूहि - हि - हिं वहूहिंतो सुंतो
बहूणं, बहूण
तृतीया बहूए -इ-आ-अ पञ्चमी बहूदो, वहुए, इत्यादि
षष्ठी वहूए -इ-आ-अ सप्तमी "" 37 39 33 संबोधन हे बहु, वहू
नई नई
हे नई, नईओ, इत्यादि
बहुसु-सुं
हू, बहूओ, इत्यादि
कुल अकारान्त स्त्रीलिङ्ग शब्दों के रूप वहू शब्द के. समान ही चलते हैं |
ऋकारान्त स्त्रीलिङ्ग मातुं शब्द के रूप :
१. हेमचन्द्र ( ३. ४६ ) के अनुसार मातृ शब्द के दो प्राकृत रूप मिलते हैं- मात्रा ( माता ) और मारा ( देवी, Goddess ) । हमें इस शब्द से ३. ४४. के अनुसार 'माउ' और १. १३५ के अनुसार 'माइ' रूप भी मिलते हैं । इनमें 'माझा' और 'मारा' के रूप माला एवं लता शब्दों के अनुसार, माउ के रूप घेणु के अनुसार और माई के रूप बुद्धि शब्द के अनुसार चलते हैं ।