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प्राकृत व्याकरण विभक्तियों में तदुशब्द से स्त्रीलिङ्ग में डी का भी प्रयोग किया जाता है। जैसे :-ती, तीआ इत्यादि ।
पुंल्लिङ्ग में एतद् शब्द के रूप :एकवचन
. बहुवचन प्रथमा एस, एसो
एते, एदे द्वितीया एतं
एते, एदे तृतीया एदिणा, एदेण, एणं एतेहिं, एदेहि, एएहिं पश्चमी एत्तो, एत्ताहो, एआओ, इ० एतेहिंतो इत्यादि षष्ठी एअस्स, एदस्स, से सिं, एएसिं, एदाणं ।
अयम्मि, एत्थ, इअम्मि, एएसु, एदेसु इत्यादि
। एअम्मि, एअस्सि . . विशेष-( क ) हेमचन्द्र ( ३, ८२ ) के अनुसार पञ्चमी के एकवचन में 'एत्तो' और 'एत्ताहे' रूप होते हैं
और पक्ष में 'एआओ' 'एआउ' 'एआहि' 'एआहिंतो' और 'एआ' रूप होते हैं।
(ख ) हेमचन्द्र ( ३. ८४ ) के अनुसार एतद् शब्द से सप्तमी के एकवचन में 'म्मि' के पर में रहने पर 'अयम्मि' ईयम्मि और पक्ष में एअम्मि रूप होते हैं। (ग) अन्य रूपों के लिए देखिए हेमचन्द्र के ३.६६, ८१,८५.
पुंल्लिङ्ग में अदस् शब्द के रूप :प्रथमा अमू द्वितीया अमुं
अमूणे तृतीया अमुणा
अमूहिं
अमूणो