Book Title: Prachin Ardhamagadhi ki Khoj me
Author(s): K R Chandra
Publisher: Prakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad

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Page 36
________________ आगम-ग्रयोंमें......अर्धमागधी की स्थिति त = त, द, य 2.19 -जाइया | --जातिका --जातिका । --जाइया सरपादगं । सरपादगं । सरपायगं । सरपादगं 2.13 थ = ध, ह 2.13 गोरहगं अह गोरहगं । अह | गोरहगं । अह गोरधगं अध द = द, य, त एगया । एगता एगया एकदा । आयंसगं एगता एकदा । आतंसग 1.4 1.14 2.11 आदंसंग आदंसगं ध = ध, ह अहे । अहे अहे । अधे । 1.3 (ब) विभक्ति, क्रियारूप और कृदन्त : 1.19 आइट्ठो --पागाए आइट्ठो --पागाए 25 2.10 आइट्ठो आइट्टे ! -पागाए । पायाय ., .. ! पाताए आघाए आघाति संठवेंति पवेसेहि पवेसेहि । आयाए – 1.11 आघाए आघाति संठवन्ति . संठवेन्ति पवेसाहि | पवेसेहि आदाय । आयाए 2.17 । 211 1.10 For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org

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