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आगम-ग्रंथों में......अर्धमागधी की स्थिति
म. जै. वि., बम्बई द्वारा प्रकाशित दो यों आचारांग और आवश्यकसूत्र से कुछ शब्द नीचे दिये जा रहे हैं जिन से स्पष्ट होगा कि आचारांग में शब्दों की योजना में प्राचीनता है जब कि --- आवश्यकसूत्र के उन्हीं शब्दों के मध्यवर्ती व्यंजनों पर परवर्ती काल - के ध्वनि-परिवर्तन का प्रभाव आ गया है ।। आचारांग
आवश्यकसूत्र अगणि
अग्गि अणिदाण
अनियाण अतिथि
अतिहि अत्त (आत्मन् )
अप्प आता आया ।
आया अबोधि अबोहि
अबोहि आदाण
(आदान) आताण
आयाण आरिय (आर्य)
x अज्ज
(आर्य) उवद्वित
उवट्टिय जाति
जाइ
अप्प
अज्ज
1 संबंधित ग्रथों के अन्त में दी गयी शब्द सूची से उधत
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