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प्राचीन अर्धमागधी की खोज में/के. आर. चन्द्र
पू. जंबूवि
पू. पुण्यवि. आचारांग सूत्रकृतांग | उत्तराध्ययन दशवैकालिक आवश्यकसूत्र णाम । णाम, नाम । नाम
नाम
णिकाय
निकाय
निग्गंथ
निग्गंथ
नियम
णिक्खंत निक्खत
निक्खत णिग्गंथणिग्गंथ, निग्गंथ । निग्गंथ णियम णियाग
नियाग णिव्वाण निव्वाण
निव्वाण णिवुड णिसीएज्ज
निसीएज्ज णील
नील
निव्वाण
निव्वुड
णो
ज्ञ = न, ण
णाण
णाण
नाण
नाण
णात
नाय
पण, = न्न, पण णिसण्ण ।
। _ निसन्न । - (ड) प्राचीन-शब्द रूप नहीं अपनाये गये
(1) आल्सडर्फ महोदय ने उत्तराध्ययन के (चित्तसंभूत) 13.10 को प्राचीन पद्य माना है । म. जै. वि. के संस्करण में इस पद्य में आत्मा के लिए 'आया' (13.10) पाठ लिया गया है जबकि चूर्णी
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