Book Title: Panchsangraha Part 04
Author(s): Chandrashi Mahattar, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Raghunath Jain Shodh Sansthan Jodhpur
View full book text
________________
पंचसंग्रह : ४
विकल्प-प्रकार
बंध-हेतु
हेतुओं के विकल्प
के भंग कुल भंगसंख्या १२ | पूर्वोक्त नौ, कायचतुष्कवध
१८००० , , कायत्रिकवध, भय २४०००
२४००० १२ , काद्विकवध, भय,
। ८४०००. जुगुप्सा | १८०००
"
कायत्रिका
पूर्वोक्त नौ, कायपंचकवध
७२०० , , कायचतुष्कवध, भय | १८००० ,, जुगुप्सा
१८००० कायत्रिकवध, भय, जुगुप्सा
| २४००० । ६७२०० १४ । पूर्वोक्त नौ, कायषट्कवध
१२०० |" , कायपंचकवध, भय | ७२००
जुगुप्सा ७२०० | " , कायचतुष्कवध, भय,
३३६००
जुगुप्सा १५ । पूर्वोक्त नौ, कायषट्कवध, भय १५ " " " जुगुप्सा
१२०० १५ , , कायपंचकवध, भय
६६००
जुगुप्सा | पूर्वोक्त नौ, कायषटकवध, भय,
जुगुप्सा । १२०० । १२००
कुल भंग संख्या ३०२४०० इस प्रकार मिश्रगुणस्थान के बंधहेतुओं के कुल भंगों का जोड़ तीन लाख दो हजार चार सौ (३,०२,४००) होता है।
१२००
EDURE
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org