Book Title: Panchsangraha Part 04
Author(s): Chandrashi Mahattar, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Raghunath Jain Shodh Sansthan Jodhpur
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७२
बंधहेतु
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१३
१३
१३
१४
हेतुओं के विकल्प
१ वेद, १ योग, १ युगल १ इन्द्रिय
का असंयम, २ कषाय, १ कायवध
पूर्वोक्त आठ, कार्यद्विकवध
"
"
27
31
पूर्वोक्त आठ, कायत्रिकवध
"
17
31
"1
"
1)
33
12
11
पूर्वोक्त आठ, कायचतुष्कवध कार्यात्रिकवध, भय
11
11
"
"
"1
17
"
11
13
पूर्वोक्त आठ, कायपंचकवध
12
11
"
33
कायद्विकवध, भय जुगुप्सा
भय
जुगुप्सा
71
भय, जुगुप्सा
""
कायद्विकवध, भय,
17
पूर्वोक्त आठ, कायपंचकवध, भय
जुगुप्सा
काय चतुष्कवध, भय,
जुगुप्सा
कायचतुष्कवध, भय
जुगुप्सा कायत्रिकवध, भय,
जुगुप्सा
"
६६००
१३२००
जुगुप्सा १३२००
For Private
जुगुप्सा | १३२००
पूर्वोक्त आठ, कायपंचकवध, भय,
जुगुप्सा
| प्रत्येक विकल्प के भंग
६,६००
१३,२००
६,६००
६,६००
१३,२००
१३,२००
१३,२००
६६००
१३२०
६६००
६६००
१३२००
१३२०
१३२०
६६००
१३२०
पंचसंग्रह : ४
'कुल भंग संख्या '
மம்மெட்
कल भंग
६,६००
२६४००
४६२००
४६२००
२७७२०
६२४०
१३२० anelibrary.org
Occ
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