Book Title: Mularadhna
Author(s): Shivkoti Acharya, 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 17
________________ धूलाराधना १५ १०१ आचार्य का क्षपकको उपदेश १०२ मिध्यात्व त्यागनेका उपदेश १०३ सम्यक्त्यभावनाका उपदेश १०४ जिनमरिक माहात्म्य वर्णन १०५ नमस्कार वर्णन १०६ ज्ञानोपयोगका वर्णन १०७ अहिंसा महाप्रत पालनका विस्तीर्ण उपदेश १०८ सत्यमाता सविस्तर विवेचन १०९ अचौर्य महावत के उपदेशका सविस्तर क ११० ब्रह्मचर्य महामतका वर्णन १११ श्रीकांत्यागका उपदेश ११२ अशुचिनिरूपण, देहकी अपवित्रताका वर्णन १०५७ १३४ होम विजयवर्णन ११३ वृद्धसेवाका उपदेश ११४ श्रीसंसर्गदोषों का वर्णन ११५ परित्याग महावत वर्णन १९६ महाजनकी निरुक्ति, रात्रिमुक्ति त्यागादिक मतके संरक्षक हैं. ११७ मनोगुप्ति वाग्गुमिओंका वर्णन ११८ फागुप्तिका स्वरूप ११९ इयमित्यादि पांचसमितिओंका वर्णन १२० प्रत्येकन्त्रतों के पांच पांच भावनाओं का वर्णन २२१ मायामिध्यात्व निदान इन इल्योंके त्यागका उपदेश ८९५ १२२ मानकवाय के त्यागका विस्तीर्ण उपदेश ८९८ १२३ भोगनिदानके त्यागका उपदेश ९०३ १२४ अवसन्नादि मुनिओका वर्णन ९१३ १२५ इंद्रियायों की दुष्टताका उपदेश ९१६ ९२३ ९३२ १२९ मायादोषत्याग वर्णन ९६३ १३० लोभदोष वर्णन २०९ १३ काजिय २८ १३२ मानविजय वर्णन १०२५ १३३ मायाजय वर्णन • १२२२ १२३४ १२७० १२८५ १२६ पांच इंद्रियों से मनुष्यको दुःखउत्पन्न होता है १३११ १३१४ १२७ कोपदोपयाग वर्णन १२८ मानदोषव्याग वर्णन १०९७ १३५ निद्राजयवर्णन १९०७ १३६ निर्जरानिमित्त तपमें क्षपक को प्रेरणा ११२३ ११३७ वपदेश सुननेपर क्षपकका वक्तव्य | १३८ सारणानामक अध्यायका वर्णन ११८५ १३९ क्षपकको पुनः उपदेश ११७९ १४० परीषद्दसहन करनेवालोंके उदाहरण ११८३१४१ नरकगतिके दुःखका विचार करने के लिये ११८७ क्षपकको प्रेरणा १२०५ | १४२ तिर्यग्गतिदुःखवर्णन १४३ मनुष्यगतिदुःख वर्णन १२१४ । १४४ देवगतिदुःख वर्णन १३२२ १३२७ १३३० १३४८ १३५४ ११५७ १३६० १३६४ १३६९. ११८६ १३९० १४०१ १४१८ १४२९ १४४६ १४५३ १४५९ विषय १५

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