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महावार का अन्तस्तल
लोगों के मन में गोशाल के बारे में प्रतिक्रिया होगई है। यह जो मांगता है लोग उससे उल्टा ही देते हैं और बहुत बुरी वञ्चनापूर्ण हँसी भी उड़ाते हैं। ... आज असने मुझसे पूछा-बताइये ! मुझे आज भिक्षा में क्या मिलेगा ? :: ...::...:... मैंने कहा-तम क्या चाहते हो? :
: वोला-अच्छा मीठा दही, बदिया शालिका भात, और दक्षिणा में चमचमाता हुआ चोखा निक' (रुपया)। . . . अब मुझे यह समझने में देर न लगी कि आज इसे. भिक्षा में क्या मिलेगा? यह जो चाहता है वहीं मांगता है। एक बार इसे खोटा निष्क मिला था तब से यह चोखा निष्क मांगने लगा है, उसकी इस विचित्र याचना से सभी हँसने लगते हैं और उलटा ही देते हैं। ..
. इसलिये मैंने जरी मुसकराते हुए कहा-आज तुम्हे खट्टा छांछ, कोद्व का भात, और दक्षिणा में खोटा निष्क मिलेगा। ............. ...... ..
गोशाल भिक्षा लेने चला गया। :: :: 5. उसके जाते ही मेरे मन में आया कि ऐसे मनुष्य को पास में रखना ठीक नहीं, इसलिये मैंने भी विहार कर दिया और सन्ध्या तक कोल्लाक गाव में आ पहुँचा । आशा है स्थान पर मुझे न पाकर वह कहीं अन्यत्र चला जायगा। .. .
३२- नियतिवाद चीज ... .. १६ धनी ६४३३ इतिहास संवत् .. . __ में तो समझता था कि गोशाल से पिंह छूट गया इस लिये कुछ, निश्चिन्तता का अनुभव कर रहा था। आज भोजन . कंगने के लिये गया तो कुछ निश्चिन्तं सा था क्योंकि अन्य दिन