Book Title: Mahavira ka Antsthal
Author(s): Satyabhakta Swami
Publisher: Satyashram Vardha

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Page 386
________________ ३५४1 महावार का अन्तस्तल होगा । और वे स्वपर कल्याण के मार्ग में आगे बढ़ेंगे। , उसके लिये जैनधर्म छोड़ने की जरूरत नहीं है पर सत्यसमाज में शामिल होकर सच्चे जैनत्व से नाता जोड़ने की जरूरत है। आशा है इस अन्तस्तल को पढ़ने से पाठकों का ध्यान इस ओर जायगा। टुंगी १६६५३ इतिहास संवत् सत्यभक्त २८-८-१३ सत्याश्रम वर्धा

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