Book Title: Mahavira ka Antsthal
Author(s): Satyabhakta Swami
Publisher: Satyashram Vardha

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Page 384
________________ ३५२] महावीर का अन्तस्तल vwran...Avirowenniumnnnnn....~~~ArvinAMunnarwww अनुरूप नये कार्यक्रम की जरूरत है। वह सत्यसमाज के चौवीस जीवन सूत्रों के रूप में दिया है चोवीस जीवन सूत्र ये हैं। १-विवेकी ( सम्यक्त्वी) बनो। २-सर्वधर्म समभावी (अनेकांत सिद्धांत को इस युग के अनुरूप काम में लाने वाले ) बनो। ३-सर्व जाति समभावी बनो । ४-नर नारी समभावी बनो। ५-अहिंसा का पालन करो। ६-सत्य बोलो। ७-ईमानदार अर्थात अचौर्य व्रतधारी बनो। ८-शील का पालन करो। -दुर्व्यसन (जूआ धूम्रपान शराव आदि छोडो) १०-अपने निर्वाह के लिये उपयोगी श्रम करो। ( दूसरों की मिहनत के भगेसे अपनी गुजर न करो। किसी की कोई सेवा लो तो उसके बदले में ऐसी सेवा भी उसी के अनुरूप दो जिससे उसका भ..ा हो।) ११-अतिपरिग्रह न रक्खो । १२-अतिभोग न करो। १३-मन तन आदि से हर तरह बलवान और गौरवशाली बनो। १४-स्वतंत्र बनो । (संयम और सहयोग का बन्धन रहे, पर किसी को कोई गुलाम बनाकर राज्य न करे, शासन न चलावे ।

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