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महाबंधे अणुभागबंधाहियारे णम्गोंद० । सादि० अणंतगु०। खुज. अणंतगुणब्भ० । वामण. अर्णतगु० । हुंड. अणतगु० । समचदु० अणंतगु० । सव्वमंदाणुभागं ओरा०अंगो० । वेउव्वि० अंगो अणंतगु० । आहार०अंगो० अणंतगु० । संघडणं संठाणभंगो। सव्वमंदाणुभागं अप्पसत्य०४ । पसत्यवण्ण०४ अणंतगु० । यथा गदी तथा आणुपु० । सव्वमंदाणु० उप० । पर० [अणंतगु० । ] उस्सास० अणंतगु० । अगुरु० अणंतगु० । सव्वमंदाणु० अप्पसत्यवि० । पसत्थवि० अणंतगु० । तसादिदसयुगल० सादासादभंगो।
४३२. सव्वमंदाणु० णीचा० । उच्चा० अणंतगु० । सव्वमंदाणु० दाणंतरा। एवं परिवाडीए उवरिमाणं अणंतगुणब्भहियं५ ।
४३३. णिरएमु सव्वमंदाणु० पचला। णिद्दा० अणंतगु०। ओधिदं अणतगु०। अचक्खु० [अणंतगु०] । चक्खु० अणंतगु० । केवलदंस० [अांतगु ०] पचलापचला. अणंतगु०ाणिवाणिद्दा अणंतगु० थीणगि० अणंतगु०। सव्वमंदाणु हस्सारदि० अणंतगुलादुगुं० अपंतगु०। भय० अणंतगु०। पुरिस० अणंतगु०। संजलणकोध० अणंतगु०। माणो विसे । माया० विसे० । लोभो विसे । सोगो अणंतगु० । अरदि० अणंतगु०। परिमण्डल संस्थान सबसे मन्द अनुभागवाला है। इससे स्वातिसंस्थानका अनुभाग अनन्तगुणा अधिक है। इससे कुब्जक संस्थानका अनुभाग अनन्तगुणा अधिक है। इससे वामनसंस्थानका अनुभाग अनन्तगुणा अधिक है। इससे हुण्डक संस्थानका अनुभाग अनन्तगुणा अधिक है। इससे समचतुरस्रसंस्थानका अनुभाग अनन्तगुणा अधिक है। औदारिक प्राङ्गोपाङ्ग सबसे मन्द अनुभागवाला है। इससे वैक्रियिक आङ्गोपाङ्गका अनुभाग अनन्तगुणा अधिक है। इससे आहारक आङ्गोपाङ्गका अनुभाग अनन्तगुणा अधिक है। संहननोंका भङ्ग संस्थानोंके समान है। अप्रशस्त वर्णचतुष्क सबसे मन्द अनुभागवाला है। इससे प्रशस्त वर्णचतुष्कका अनुभाग अनन्तगुणा अधिक है। चार गतियोंके समान चार आनुपूर्वी जाननी चाहिए । उपघात सबसे मन्द अनुभागवाला है। इससे परघातका अनुभाग अनन्तगुणा अधिक है। इससे उवासका अनुभाग अनन्त. गुणा अधिक है। इससे अगुरुलघुका अनुभाग अनन्तगुणा अधिक है। अप्रशस्त विहायोगतिका अनुभाग सबसे मन्द है। इससे प्रशस्त विहायोगतिका अनुभाग अनन्तगुणा अधिक है। त्रस आदि दस युगलोंका भङ्ग सातावेदनीय-असातावेदनीयके समान है।
४३२. नीचगोत्र सबसे मन्द अनुभागवाला है। इससे उच्चगोत्रका अनुभाग अनन्तगुणा अधिक है। दानान्तराय सबसे मन्द अनुभागवाला है। इस प्रकार क्रमसे आगेकी प्रकृतियोंका अनुभाग अनन्तगुणा अधिक।
४३३. नारकियोंमें प्रचला सबसे मन्द अनुभागवाला है। इससे निद्राका अनुभाग अनन्तगुणा अधिक है। इससे अवधिदर्शनावरणका अनुभाग अनन्तगुणा अधिक है । इससे अचक्षुदर्शनावरणका अनुभाग अनन्तगुणा अधिक है। इससे चक्षुदर्शनावरणका अनुभाग अनन्तगुणा अधिक है। इससे केवलदर्शनावरणका अनुभाग अनन्तगुणा अधिक है। इससे प्रचलाप्रचलाका अनुभाग अनन्तगुणा अधिक है। इससे निद्रानिद्राका अनुभाग अनन्तगुणा अधिक है। इससे स्त्यानगृद्धिका अनुभाग अनन्तगुणा अधिक है। हास्य सबसे मन्द अनुभागवाला है । इससे रतिका अनुभाग अनन्तगुणा अधिक है। इससे जुगुप्साका अनुभाग अनन्तगुणा अधिक है । इससे भयका अनुभाग अनन्तगुणा अधिक है। इससे पुरुषवेदका अनुभाग अनन्तगुणा अधिक है। इससे संज्वलनक्रोधका अनुभाग अनन्तगुणाअधिक है। इससे मानसंज्वलनका अनुभाग विशेष अधिक है। इससे मायासंज्वलनका अनुभाग
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