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सुधर्म नामना गणधरे श्रेणिक राजाना प्रश्न करवाथी जेवी रीते वर्णन कर्तुं हतुं, तेवीज रीते हुं पण आ चरित्रनुं मोक्ष पामवानी इच्छाथी वर्णन करूं छु. ३.
आ लोकमां जंबुद्वीपने सुशोभीत करनार भरतखंडनी अंतर्गत हेमकोशोनी अर्थात् सोनानी खाणोथी शोभाने धारण करनार एक हेमांगद नामनो प्रदेश छे. ४. अने ते प्रदेशमां राजपुरी नामनी राजधानी सुशोभित छे, जे विधात्राए बनावेली राजराजपुरी अर्थात् अलकापुरीनी रचनामां मातानी समान आचरण करे छे; अभिप्राय ए हे के, यद्यपि अलकापुरीनी रचना सर्वथी उत्तम छे, परंतु आ नगरी ते अलकाथी पण श्रेष्ठ छे. ५. आ नगरीमां सत्यंधर नामनो राजा राज्य करतो हतो; ए राजा सत्य बोलनार (वक्ता), वृद्धोनी सेवा करनार, बहुज बुद्धिमान, सदा उद्योग करनार अने आग्रह के हठ वगरनो हतो. ६. आ राजानी विजया नामनी मुख्य अने प्रसिद्ध पट्टराणी हती; जेणे पोताना पातित्रत्यादि गुणोथी संसारनी संपूर्ण स्त्रीओ - पर विजय प्राप्त कर्यो हतो, अर्थात् सर्वने जीती हती; अने तेथीज तेनुं नाम विजया राखवामां आव्युं हतुं. ७. तःपुरनी बधी स्त्रीओमांथी आनापर अधिक प्यार राखतो हतो, अने कोइपर एटलो स्नेह राखतो नहोतो; कारणके सौभाग्य बहु दुर्लभ छे, अर्थात बधी स्त्रीओ सौभाग्यवती होती नथी, कोइ कोइ होय छे. ८.
राजा अं