Book Title: Jain Tithi Darpan
Author(s): 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 13
________________ _ . [ ९ ] आषाढ शुक्ल वीर सं. २४३९ । श्रावण कृष्ण वीर सं. २४३९ ।। ति. वार. • विशेष विवरण ति. वार. ता विशेष विवरण - - ११ शान 400. ४ मंगल २ वि २०. गर्भ-मुनिसुनतका ३ सोम २१ | गर्भ-महावीरखामी ५ युध १० . गुरु २४ ११) मो. नेमिनाथ अटा- शुक २५ १२ [न्हिका प्रारंभ ८ शान २६ :00 Grk 33. G" रचि २७ 22 - - १० सोम २० गर्भ-कुंथुनाथका मंगल/२९/ रोहिणी नता १२ बुध १३) गुरु ३१ १४ शुक्र१ अगष्ट ८ वां १५.शान। .. दिलचस्प ऐयारीके उपन्यास । चंद्रकांता चारों भाग बढे अक्षर २) चंद्रकांता चारों भाग गुटका छोटे अक्षर १) चंद्रकांतासंतति यडे साइजमें २४ भाग १२) चंद्रकांता संतति २४ भाग गुटका ) भूतनाथकी जीवनी चंद्रकांतामें जिस भूतनाथका नाम आया है उसका अद्भुतचरित्र पांच भागोंमें ३॥) मोती महल १) कुमुमलता ऐयारी और तिलस्म 2) दो नकावपास २) नरेंद्रमोहिनी उपन्यास १) कुसुमकुम्गरी १) पिशाचपुरी ||- चंद्रमुखी ॥ सूर्यकांता ) ये सब ऐयारीके उपन्यास एस दिलचस्प हैं कि एक बार हाथमें लिये वाद पूरा किये बिना पुस्तक हाथमेंमें नहिं छुटती । खाना पीना वा जरूरी काम भी उसको यांचकर ही करने पढ़ते हैं। झूठ समझते हैं तो १) का चद्रकांता उपन्यास ४ भागका गुटका मंगा देखिये। फिर क्या मजाल है जो '२४ भाग संतति और ५ भाग भूतनाथकी जीवनी न देखें।

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