Book Title: Jain Tithi Darpan
Author(s): 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 112
________________ ( ९४ ) सूचनाएँ। महाराष्ट्रीयखण्डेलवालपञ्चमहासमाके किसी भी फण्डका जिन निन महाशयॊपर रुपया लेना है, उन्हें उसके भेजनेकी कोशिश करनी चाहिए । विना रुपयोंके कितने ही काम रुके हुए पड़े हैं। वर्तमानमें समाको एक उपदेशकके रखनेकी बड़ी आवश्यक्ता है। पर जवतक हमारे भाई रुपयोंके भेजनेकी जल्दी न करेंगे तब तक यह जरूरी काम रुका हुआ ही पड़ा रहेगा । हम आशा करते है कि सब सज्जन हमारी प्रार्थनापर अवश्य ध्यान देंगे। प्रार्थी-खुशालचन्द नांदगांव. (नाशिक) सस्ते और सुन्दर भावोंके चित्र । जयपुरकी चित्रकारीकी प्रशंसा करना व्यर्थ है। उसकी देश देशान्तरोंमें प्रसिद्धि ही इस बातका प्रमाण है कि वह कितनी मनोमोहिनी होती है। हमारे भाई मंदिरोंके लिए हजारों रुपयोंके चित्र मंगवाते है पर उन्हें ठीक ठीक कीमत ज्ञात न होनेसे बहुत कुछ हानि उठानी पड़ती है । इस लिए हमने वर्द्धमानजैन विद्यालयों इसका प्रबन्ध किया है। यहांसे बहुत सुन्दर और सस्ते चित्र भेजे जा सकेंगे। इसमें एक विशेष बात यह होगी कि ये चित्र विद्यालयके चित्रकारीलासके अध्यापक तथा छात्रोंके तैयार किए हुए होंगे। हमें पूर्ण आशा है

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