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एहोलेके लेख
एहोले-कम [विना काहानिर्देशका, १२वीं या वीं ई. शताब्दि (लीड).] [१] भी-मूलसङ्घ-बलो (ला) कारगणद कुमुदन्डुगळ गुड ऐचि-सेट्टि [२] यर मग येरम्बरगे-नाड सेटिटगुत्त रामि-सेष्टियर निषीधि ।
अनुवाद रामिसेटि जोकि एरम्बरगे' चिलेका सेविगुत्त था-श्रीमूलसडके बलो (ला) कारगणके कुमुदन्दु का गुड्ड (शिष्य ) था; और ऐचिसेटि (व्यापारी) का पुत्र था, उसकी यह निषोधि ( निषघा ) है।
[ई ए०, १२, पृ० ६६]
४४५ गिरनार-संस्कृत भग्न ।
[विना काल-निर्देशका लेख श्वेताम्बर सम्प्रदायका है [Revised list and Rem. Bombay ( ASI, XVI)
p. 351-352, No 8, t. and tr.]
रायबाग, संस्कृत। [शक २१-१२०..]
[एक बेजका मय पता नहीं है। इस शिलालेखका प्रारम्म उस राधा कृष्णके वर्णनसे शुरू होता है, जिससे रटबंश यशस्वी हुआ था। तदनन्तर राजा सेनका वर्णन है, जो रट्ट राजाओंकी सूची में 'सेन' नामधारी राबाओं में द्वितीय संख्याका सेन है। इसके बाद
१. यह नाम 'एम्बिो ' भी किसाना सकता है।