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हिरे - आवलिके लेख
मतधारि
र गुड्डनु बेचि - गौण्ड नु वीर-बुक्क रायन राज्याभ्युदयदन्दु पञ्च- नमस्कारदिं मुडुपि स्वर्गस्तनादनु आतन किरिय-मदवळिगे आ-मुद्दिगौण्ड सहगमनदि बिरु मुक्तिप्राप्तरादरु आवलिय प्रभुगळ सन्तान मसणगौडन मग गोरव - गौड काल-गौड गोप-गौड चन्द गौड आ-चन्द्र-गौडन मग बेचि - गौड बू... गौडन मनेय गोरवोजन मग मादोज नागोज मादि निशितिय मङ्गळ महा श्री श्री श्री
[ ( उक्त मितिको ), आवलि चन्द - गौडके पुत्र बेचि-गौड, बो रामचन्द्रमलधारिका गृहस्थ-शिष्य था - वीर - बुक्क - रायके राज्य में, पश्ञ्चनमस्कार पूर्वक मर गया और स्वर्ग गया । उसकी नवीन स्त्री मुद्दि - गौण्डिने 'सहगमन' किया, और दोनोंने 'मुक्ति' पायीं । आवळि प्रभुओंने (जिनमें कईओं के नाम निर्दिष्ट हैं ) यह स्मारक बनवाया । बनाने वाला गोरबोबका पुत्र मादोन नागोल था । ]
[ Eo, VIII, Sorab tl., No 106. ]
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श्रवणबेलगोला - कचड़ ।
[ वर्ष नक=== १३७६ ई० ( लू. राइस ) ]
[ जै० शि० सं०, प्र० मा० ]
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गिरनार - संस्कृत- भग्न |
[ बिना काळ निर्देशका ] श्वेताम्बर लेख ।
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[ Revised Lists ant rem Bombay ( ASI, XVI ) p. 347-351, No 7 t. and tr. ]