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वराङ्गनाके लेख
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वराङ्गना -- संस्कृत तथा कन्नड़
काल- शक सं० १३४६ ( A. D. 1424 )
( साउथ कैनरा के Sub-Court में )
कन्नड़ लिपि में संस्कृत और कन्नड़ भाषा में तीन ताम्र पत्रों पर जो एक अंगूठीके द्वारा जुड़े हुए हैं । इस अंगूठीपर एक मुहर लगी है जिसपर एक जैनमूर्ति है । दानदाता विजयनगर के राजा देवराय है। दान का काल शक सं० १३४६ ( १४२४ ई०), क्रोधी संवत्सर है। इस ढानपत्र के वराङ्गनेमिनाथ मन्दिरको दान किया गया था । प्रकार टी हुई है :
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बुक्क महीपति
1
हरिहर
1
देवराय
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विनय भूपति, नारायणीदेवी से विवाह किया
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द्वारा वराङ्गनाका गाँव राजा की वंशावली इस
देवराय
शासनकाल उस राम के राज्यकालसे मिलता है जिसे बर्नेल Burnell ने (Sonth Ind. Paleography, p. 50 ) देवराज, वीरदेव या वीरभूपति बताया है । लेकिन उसके वंशजका नाम उक्त लेखक के द्वारा दिये गये नामसे