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बेरम्बाडके लेख
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[ ॐ । भगवान् अर्हत् चण्डोग्र पार्श्वनाथको नमस्कार हो । वे घरणेन्द्रपद्मावती सहित हैं । वे सब व्याधियोंको दूर करनेवाले हैं
पाँच
परमेष्ठी
...]
[ EC, IV, Gundlupet tl., No. 96 ]
८३६
जव गल्लू:: -- कचड़ - भग्न । [ अनिश्चित कालका ]
[ जगवलु ( जगवल्लु परगने ) में, जैन-मस्तिके पासके पाषाणपर ] स्वस्ति श्री कोण्डकुन्दान्वय देशी गणदमरवर मटारर शिष्यन्तिय अष्टोपवासदर क्रियागुणचन्द्र भटारर सघर्म्मगळु तोम्भत्तेळ वरिसा त वय्दुन बि • निसिधिय कानिरिसिद
[ कोण्डकुन्दान्वय तथा देखी गण के अमरचर-भट्टारकी शिष्या, जो ( महीने में ) आठ दिनका उपवास करती थी और मुणचन्द्र भट्टारकी साथिन थी, ६७ वर्षतक । उसके बहनोई या सालेने यह स्मारक खड़ा किया । ]
[ EC, V, Arsikere tl., No. 3. ]
८३७
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कोलूरु :- संस्कृत तथा कन्नड़ । [ वर्ष विरोधिकृत् ]
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[ कोलूरुमें, कुमरि-हक्क लुमें पाषाण पर ]
श्रीमत्परमगम्भीरस्याद्वादामोघलानम् ।
यात् त्रैलोक्यनाथस्य शासनं जिनशासनम् ||
स्वस्ति श्रीमतु आदिनाथ - देव पादाराधक सम्यक्त्व - रत्नाकर जिन-गन्धोदकपवित्रीकृतोत्तमाङ्गेयप्प राजियब्बे - हेम्गाडिति ४५ नेय विरोधिकृतु