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भवणवेल्गोलाके लेख
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भवणबेलगोलाकार। [विना मा निर्देशक
[० शि०६०, प्र. मा. ]
गिरनार, संस्कृत [सं० १३३५१२७६ ई.]
श्वेताम्बर लेख। [ Revised Lists ant. rom. Bombay ( ASI, XVI), p. 363, No. 10, t. and tr.]
५१६ चिचौड़ (राजपूताना)-संसत ।।
[सं० १३३०२७७ ई.] {कार चावडी मन्दिर के पास किले की दीवार में एक पुगने मन्दिर
के उल्टे बनाये गये चौखट के उपरी मागपर] (९) (चिह्न) • ॥ स्वस्ति श्री-सं०-१३३४ वर्षे वैशाख सुदि ३ वु (बु) -दिवे श्री (वृहद-गच्छे सा० प्रल्हादक-पुत्र-सा-रत्नसिंह-कारित-श्री-शान्तिनाव-वेत्ये सा• समधा-पुत्र-सा-महण-भायर्या-सोहिणी पुत्री-कुम(२) -भाविकया मातामह-सा०-ठाडा-श्रेयसे देव-कुलिका कारिता ॥
[ लेखमें शान्तिनाथमन्दिरके प्राङ्गणमें एक छोटे मन्दिर ( देव-कुलिका) के निर्माण का स्पष्ट उल्लेख है।]
[ ASWI, progress Report 1903-1904, p. 59, t. ]