Book Title: Jain Rajnaitik Chintan Dhara
Author(s): Rameshchandra Jain
Publisher: Arunkumar Shastri
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215. पपचरित 55/51-70 276. वही 55/13 217. पद्मचरित 47/15 218, वरांगचरित 2/28 219. षरांगचरित 2/29 220. बही 1373 221. वही 2/25 222, वही 2/24 223. वरागंचरित 17/5-6 224. वही 2/22 225. हरिवंशपुराण 14/57 226, यही 14/74 227. वही 14/71 228. वही 7/82 229. बही 7/82 230, द्विसंधान महाकाव्य 1119 231. कौटिलीय अर्थशास्त्रम् 6/1 232, उ.पु.68771-72 233, च, च. 12/108 234, वही 12/107 235. वही 23/1 236. नीतिवाक्यमृत 23/2 237. वही 23/3 238. वहीं 23/4 239. वही 23/5 240. वहीं 23/6-7 241. नीतिवाक्यमृत 23/9 242. वही 23/10-11 243. वही 10/111 244. वही 10/12 245. वही 10/113 246. नीतिवाक्यामृत 10/146 247. उत्तरपुराण 66/4-5,67/341 248. नीतिवाक्यमृत 17/22 249. आज्ञाफलमैश्वर्यम् ॥ वही 17/21 250. आदिपुराण 36/263 251. यही 38/269 252. वही 38/259
253. षही 42/13-14 254, आदिपुराण 387258 255. वही 4215 256. वही 38/274 257. बही 42121-23 258. बहो 38/272 259. वहीं 38/273 260. आदिपुराण 42131 261. आदिपुराण 42132 262. वही 42/113 263. वही 36:275 264. वहीं 42/114-115 265. वही 42/116 266. वहीं 42/118 267. की::1:3--125 26B, यही 421134-135. 38/276 269. नीतिवाश्यामृत 24/1-7 270. वहीं 24/7 271. वही 24/24 272, वही 24/25 273. वही 24/31 274. वही 24/32 275. वही 24133 276. वही 24159 277. वही 24/58 278. वही 24/62 279. नीतिवाक्यामृत 24165 280.,वही 24166 281. बही 7/21 282. वही 17/32 283. आदिपुराण 42/139 284. वही 42/184-142 285. वही 42/143-144 286, वही 42/143 287. आदिपुराण 42/146-152 288, वहीं 42/153-160 299. आदिपुराण 42/161-163 290, आदिपुराण 42/164

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