Book Title: Jain Rajnaitik Chintan Dhara
Author(s): Rameshchandra Jain
Publisher: Arunkumar Shastri

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Page 186
________________ 176 40. महाभारत में लोककल्याण की राजकीय योजनायें - डॉ. कामेश्वलाय मित्र, भारतीय , मनीषा प्राच्यविद्या गद्रन्थमाला अमत्मलकराडी 147/293 गौदोलिया वाराणसी प्र.सं.1972 41. वैदिक साहित्य और संस्कृति -बलेदय उपाध्याय, शारदा मन्दिर 29/17 गणेश दीक्षित, वाराणसी, तृतीय संस्करण 1967 42. ऋग्वेद पर एक ऐतिहासिक दृष्टि-महामहोपाध्याय पंडित विश्वेश्च नाथ रेड़, मोतीलाल बनारसीदास, वाराणसी, प्रथम संस्करण (1967) 43. राजनीतिविज्ञान के सिद्धान्त-पुखराज जैन / 44. हर्षचरित एक सांस्कृतिक अध्ययन डॉ. वासुदेवशरण अग्रवाल / हरिभद्र के प्राकृत कथा साहित्य का आलोचनातमक परिशीलन-डॉ. नेमिचन्द्र शास्त्री, प्राकृत शोध संस्थान, वैशाली, जिला, मुजफ्फरनगर (बिहार) 1965 ई. धर्मशास्त्र का इतिहास-प्रथम भाग, डा]. पी. वी. काणे (अनु. प्राध्यापक अर्जुन चौबे काश्यप) एम. ए. हिन्दी समित सूचना विभाग, 3. प्र. लखनऊ, प्रथम संस्करण / अद्भुत भारत - ए. एल. बाशम (अनु. चेंकटेशचन्द्र पाण्डेय) शिवलाल अग्रवाल एण्ड कम्पनी, आगरा -3 (1967 ई.) 48. प्राचीनभारत के अभिलेखों का अध्ययन - डॉ. वासुदेव उपाध्याय 49. संस्कृत काव्य के विकास में जैन कवियों का योगदान - डॉ. नेमिचन्द्र शास्त्रो. भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन, प्रथम संस्करण, सितम्बर 1971 कौटिल्य की शासनपद्धति - भगवानदास केला, हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग (तृतीय संस्करण-संवत् 2005 वि.) 51. आदिपुराण में प्रतिपादित भारत: डॉ. नेपिचन्द्र शास्त्री प्र. गणेशप्रसाद वर्णो ग्रन्थमासा हुमरावबान बसति, अस्सी, वाराणसी। संस्कृत साहित्य का इतिहास - कोथ (प्र. मोतीलाल बनारसीदास. वाराणसी) संस्कृत साहित्य का संक्षिप्त इतिहास लेखक वाचस्पति गैरोला, नौखम्पा विद्याभवन काशी. (1960) S4. संस्कृत साहित्य की रूपरेखा चन्द्रशेखर पाण्डेय तथा शान्तिकुमार नानुराम व्यास, साहित्य निकेतन, कानपुर (1964) पत्रिकायें :-. अनेकान्त वर्ष 5, किरण 3, 4 अ. मई 1942 पृ. 148-149 נכם

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