Book Title: Jain Rajnaitik Chintan Dhara
Author(s): Rameshchandra Jain
Publisher: Arunkumar Shastri
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. वहीं दशमलम्भ पृ. 383-384
71.
72. आदिपुराण 5/207
73. वही 8/254
14. वही 16/224
75. वही 37/3
76.96 16/227-228
77.
वही 16/225
70 ही 1/45
79 वही 16/232
80. आदिपुराण 7/318, 6/195
81. आदिपुराण 11/39 82. वही 11/40
83. वही 11/44
B4. चन्द्रप्रभचरित 7/29
85. वही 7/30 86.461 7/31, 32
87. वहीं 7/33
88. वही 7/34
89. वही 7/35
90. वही 7/36
91. वही 7/37
92. असग : वर्धमानचरित 2/1
93. वही 2/19
94. वही 2/20
95. असग : वर्धमानचरित 2/28
96. वही 2/30
97.98 2/31
98. वरांगचरित 12/6 99. वहीं 2/16
100. वही 2/47
101. वही 11/55 102. वही 11/53
103. बरांगचरित 24 / 88
104. वही 24/71
105. वही 24/72
106. आदिपुराण 41 /120-135
107. वही 41 / 136-154
108 उत्तरपुराण 64/30
75
109. वही 57/91 110. चनद्रप्रभचरित 14/24
111. वर्धमानचरित 6/20
112. गद्यचिन्तामणि - तृतीय लम्भ पृ. 160
113. आदिपुराण 26 / 75
114, वही 44 / 107
115. वही 41/16
11 उत्तरपुराण 64/29
117 आदिपुराण 16/ 257
118. आदिपुराण 31/65
119. उत्तरपुराण 64/29
120 आदिपुराण 16/262 121. यही 4/70
122. चन्द्रप्रभचरित 13/8
123. वही 7/29
124. वही 7/91
125. वही 16/54
126. वही 12/2
127. वही 16/21
128. वही 4 / 39 129. वर्धमानचरित 6/23
130. चन्द्रप्रभचरित 5/52
131. वर्धमानचरित 10/4 132. वही 7/84
133. उत्तरपुराण 68786
134 हरिवंशपुराण 77173
135. वही 7/176
136. वही 7/125
137. हरिवंशपुराण 7/130-139
138. वही 7/141, 142
139, वही 7/143
140. हरिवंशपुराण 7/147
141. वही सर्ग 7
142. आदि. 6/196 हरि. 11/56, 126 143. हरिवंशपुराण सर्ग 11
144. वही 11/103
145. वही 11/108 109
146. वही 11 / 110, 111

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