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पाटञ्चर चोर अथा बन्दी ।
fre व्यसनी लोगों को उनके अभीष्ट स्थान पर भेजने की जीविका वाला गुप्तचर विट
विदूषकः सभी को हमें चतुर पुरुष कहे।
पीठमर्द - कामशास्त्र का आचार्य ।
नत्तिक जो गुप्तचर कमनीय व स्त्री वेष प्रदर्शक वस्त्र (साड़ी आदि) पहनकर नाचने की जीविका करता है अथवा नाटक की रंगभूमि में अभिनयपूर्वक नृत्य करने वाले गुप्तचर को नर्तक कहते हैं।
गायक
जो वेश्याओं के आचरण का उपदेश देता है।
वादक गीत सम्बन्धी प्रबन्धों की गतिवि शेषों को बजाने वाले और तत
सुमिर रूप चार प्रकार के बाह्य बजाने की कला में प्रवीण गुप्तचर वादक है।
वान्जीवी जो स्तुतिपाठक या सूत (बन्दी) बनकर राजकीय कार्य सिद्ध करता है।
गणक - गणितशास्त्र अथवा ज्योतिषशास्त्र का ज्ञाता ।
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शाकुतिक शकुन कहने वाला ।
भित्रगृ आयुर्वेद अथवा शल्यचिकित्सा का ज्ञाता ।
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ऐन्द्रजालिक जो तन्त्रशास्त्र में कही हुई युक्तियों द्वारा मन को आश्चर्य उत्पन्न करने वाला अश्रवा मायावी हो, उसे ऐन्द्रजालिक कहते हैं ।
नैमित्तिक निशाना मारने में प्रवीण अथवा निमित्त शास्त्र का ज्ञाता ।
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सूद पाकविद्या में प्रत्रीण गुप्तचर
आरालिक अनेक प्रकार के खाद्य पदार्थ बनाने वाले ।
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संवाक अङ्गमर्दन की कला में कुशल अथवा भारवाहक ।
तीक्षण घन के लोभ में जो कठिनकार्य (हाथी, शेर वगैरह का मुकाबला आदि ) करते
हों तथा अपने जीवन को भी खतरे में डाल देते हों ऐसे तथा सहनशीलता न रखने वाले गुप्तचर
तीक्ष्ण है।
अवनद्ध. धन.
क्रूर बन्धु- वक्त्रों के स्नेह से रहित ।
रसद आलमो गुप्तचर 1
जड़, भूक, वधिक और अन्ध ये प्रसिद्ध है ।
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गुप्त रहस्य की रक्षा मनुष्य को प्राणों से भी अधिक गुप्त रहस्य की रक्षा करना चाहिए। निरर्थक व विश्वास करने के अयोग्य दूसरे की गुप्त बात भी नहीं कहना चाहिए। जो पुरुष परम्पर की गुप्त बात प्रकट कर देते हैं ये अपना-अपना ही पराक्रम दिखाते हैं।
गुप्तचर रहित राजा की हानि ( जीतने का इच्छुक ) राजा दोनों पक्षों से वेतन पाने वाले गुप्तचरों के स्त्री- पुत्रों को अपने यहाँ सुरक्षित रखकर उन्हें शत्रु देश में भेजें", ताकि वे वापिस आकर उसे शत्रु की चेष्टा निवेदन करें। जिस राजा के यहां गुप्तचर नहीं होते, वह म्वदेश और परदेश सम्बन्धी शत्रुओं द्वारा आक्रान्त होता है" । जिस प्रकार द्वारपाल के बिना धनाढ्य का रात्रि में कल्याण नहीं हो सकता", इसी प्रकार गुप्तचरों के बिना राजाओं का कल्याण नहीं हो सकता ।
गुप्तचर के वचनों की प्रमाणता - यदि राजा को गुप्तचर को बातों में सन्देह हो जाय तो हीन गुप्तचरों द्वारा कही हुई बात एक सी मिलने पर प्रमाण मान लेना चाहिए”।