Book Title: Jain Rajnaitik Chintan Dhara
Author(s): Rameshchandra Jain
Publisher: Arunkumar Shastri

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Page 183
________________ 173 23. बही 18/३ 24. वही 1814 25. नीतिवाक्यामृत 18/44 26. वहीं 21/4 27. द्वि म. 21/18 28. वही 2/4 29. वही 2/13 30. क्षत्रचूड़ामणि 3/5 31. गधचिन्तामणि द्वितीय लम्भ पृ. 124 32. सोमदेव : नीतिवाक्यामृत 17/54 33. वही 8/6, वही 8/5 34. वही 21/24 35. आदिपुराण 28/92 ॐ. उत्तरपुराण 54/24 37. 264 38. नीतिवाक्यामृत 20/4 39.आदिपुराण 5/2-3 40. वहीं 517-12 41. वही 5/158-160 42. द्विसंधान महाकाव्य 5/49 43. पावरित 56/11, 12 44. द्विसंधान महाकाव्य 16/51 45. वही 14131 46. उत्तरपुराण 48/142 47. चन्द्रप्रभचरित 1138 48. यही 1/33 49. वाही 1/32 so. वही 2/119 51. वही 3/71-72 $2. चन्द्रप्रभचरित 1/35 53. वही 2/142 54. वहीं 14/46 55. वही 21123, 13/48 56. वीरनन्दी : चन्द्रप्रमचरित 6189 57. वहीं 12/1 58. वाही 12/5 59. वही 12/105 60, वही 14/68 61. वही 12/106 62, वही 7169 63. वही 1213 64. वही 12/104 65. उत्तरपुराण 68/67 66. क्षबूड़ामणि 10/22 : :न्ही 10/18 68. वही 10/23 69. रविषेण: पद्मचरित - अष्टम पर्व - ___ चैत्रेद और सुमाली का युद्ध 70. वही 12/163 71. वही 12/164 '72, वही 12/166 73. वही 102/106-107 74, पाचरित 46/230 75. वही 12/1177 76. रविषेण : परचरित 75/1-4 77. पद्मचरित 66/90 78. वहीं 57/24 79. गुणभद्र : उत्तरपुराण 67/109-111 80. नीतिवाक्यामृत 28/25 000

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