Book Title: Jain Rajnaitik Chintan Dhara
Author(s): Rameshchandra Jain
Publisher: Arunkumar Shastri
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38. द्विसंधान महाकाव्य टीका 2017 39. कौटिलीय अर्थशास्त्रम् 912 40, कौटिलीय अर्थशास्त्रम् 9/2 41, द्विसंधान महाकाव्य टीका 2/11 42. नीतिवाक्यमृत 22/13 43. वही 22/14 44. वही 22/5 45. पदावंशपुराण 56/3,4,5 46. पनवंशपुराण 56/6-12 47. हरिवंशपुराण 50/76 48. वही 50/75 49. आदिपुराण्य 8/142-143 50. वही 28/56 51, वही 39/2 52. वही 3/3-5 53. वहीं 28/2
4. आदिपुराण 26/91-92 55. वही 29/19, 108 56. चन्द्रप्रभचरित 13/35 57.वही 13/37 58. वही 13/12 59. षही 139 60. वही 13/14 61, वही 13/19 62. यही 13/20: 63. वही 13/22 64. वहीं 4/47 65. वही 15/22-25 66. वही 13/24 67. वही 13/31 68. वही 13/28 69. वही 13/29 70. वही 13/28 71. चन्द्रप्रभचरित 13/30 72. वही 13/29
73. वर्षमानचरित 7/81-82 74. वही 7/80 75, आदिपुराण 27/129 76, वहीं 27/130 77. वही 27/133 78. वही 27/134 79. वही 27/135 ४. वहीं 271137 81. यही 27/142-148 82. वही 27/150 83. वही 27/151 84. चन्द्रप्रपचरित 14/46,44 85. चन्द्रप्रभचरित 14146 86. वही 14/47 87. वर्धमानचरित 6/67 ३. वहीं 7/91 69. बही 7/92 90, नही 7/96-97 91. वरांगचरित 16/46 92. वही 18/३ 93. वही 16/47 94. वही 18/3 95. वर्धमानचरित 16/31 96. वही 16/38 97. वसंगचरित 18/75 98. वही 17/18 99. वही 17/19 100. वही 17/20-21 101. वही 17/19 102, वरांगचरित 17123 103, अदिपुराण 271119 104. वही 8/120 105, वही 8/121 106. वही 8/122 100, वही 8/123 108. वही 20/245

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