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ग्रंथांक
स्थिति
प्रत नाम (पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम
(पाताहेसं) पाटण ताडपत्रीय ज्ञान भंडार हेमचन्द्राचार्य संघभंडार पूर्णता
प्रत प्रकार प्रतिलेखन वर्ष पत्र परिमाण
रचना वर्ष आडिता ....... संपूर्ण ताडपत्र
कर्ता
भाषा
क्लिन/ओरिजिनल प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल डीवीडी (डीवीडी-पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष झे.पत्र/झे.पत्र)
कृति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कति प्रकार १०/१९
(१५४२) ....(प.पू.१-१२३).
२५२
हेमचन्द्रसूरि हेमचन्द्रसूरि
(पे.प्र. १२४-२५२)
छन्दोनुशासनकाव्यानुशासन सटीक (4.9) छन्दोनुशासन सह (सं.)टीका छन्दोनुशासन......... छन्दोनुशासन-छन्दश्चूडामणिवृत्ति .. (पे.२) काव्यानुशासन सह (सं.)टीका काव्यानुशासनसूत्र काव्यानुशासनसूत्र-टीका प्रशमरति प्रशमरतिप्रकरण गौडवधादि छ ग्रन्थो
गद्य
हेमचन्द्रसूरि हेमचन्द्रसूरि
श्रेष्ठ
१०/१९
(१२.५४१.७)
उमास्वाति
:श्लोक ३१४
वि.११/५
पद्य
श्रेष्ठ
संपूर्ण
ताडपत्र
गा.१७६
(पे.9) गौडवध-गोडवध गाथोद्धार (पे.२) स्त्रीनिर्वाण केवलिभुक्ति (पे.३). योगविधिप्रकरण दशवैकालिकसूत्रादि प्रकरणसङ्ग्रह
श्रेष्ठ
संपूर्ण
ताडपत्र
१०/१९(३२) गायकवाड केटलोंगमांत्रणज ग्रन्थो छे./झेरोक्ष
पत्रांक.१३:३२ कुल २० पत्रो छे. इह ते जयन्ति कइणो
(पे.पू. १-२३) पे.वि. : झेरोक्ष पत्र-१३-३२.. इह च ये स्त्रीनिर्वा
(प.पू. २४-६६). अथ योगविधिप्रकरणं
(प.पू. १.३४. :२०४
१०/१९८४) त्रुटक. कुल पत्र-४५+१५९-२०४. इसमें दूसरे क्रम
के पत्रांक १८-४६ नहीं है. कुछेक पत्रों पर बीजक दिया हुआ है. कुछ पत्रों के आधे भाग खंडित हैं.
(प. पृ. 98-३४/.. धम्मो मङगलमुक्किट्ठ.......संयुक्त प+ग......
(पे.प्र.३४A-848) पे.वि. : पत्रांक ४५का आधा
भाग खंडित है. तित्थडकरे यतित्थे
संयुक्त प+ग
(पे. पृ. 9A-GA)
(पे.१) दसवेयालियं दशवकालिकसूत्र (ये.२) पाक्षिकसुत्रादि संग्रह
शरयम्भवसरि
प्रा.
.७००
पाक्षिकसूत्र (ये.३) सम्यक्त्वप्रत्याख्यान, व्रतोच्चारादि दीक्षाविधि संग्रह प्रव्रज्याग्रहणविधि
प्रथमं चैत्यभुवने
कृ.वि.:अन्तिमवाक्य-पाउँछणपूठाय पवेयर्ण पवेयह प्रत्याख्यानं करोति. (पे. पृ. 94-908)
(पे.४) दीक्षोपरान्त विविधयोगविधि संग्रह
विविधयोगविधिसड़ग्रह
प्रासं
सुत्ते अत्थे भोयणे
गद्य
206