Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 1
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand

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Page 512
________________ ग्रंथांक प्रत नाम (पेटा नंबर), पेटा नाम कृति नाम १०७९५ कृष्णावारमासा कृष्णबारमासा १०७९६ अमरसत्तरी १०७९७ आवश्यकद्विपञ्चाशिका आवश्यक द्विपञ्चाशिका १०७९८ प्रत्याख्यानचतुःसप्ततिका प्रत्याख्यानचतुस्सप्ततिका १०७९९ : साधुगुणरत्नसमुच्चयऔपपातिकसूत्रानुसा साधुगुणरत्नसमुच्चय १०८०० रात्रिभोजनरास १०८०१ | उपदेशसाररत्नस्वाध्याय आदि (पे. १) उपदेशसाररत्नस्वाध्याय (पे. २) संस्तारकप्रकीर्णक (पे.३) जिनप्रतिमास्थापनरास १०८०३ सुरसेनकुमररास सुरसेनकुमार १०८१९ : संवरकुलक १०८२० नन्दिसूत्र नन्दी सूत्र १०९८९ कर्मप्रकृतिद्वात्रिंशिका १०९९४ बन्धोदयसत्ताप्रकरण सावचूरि त्रिपाठ बन्धोदयसत्ताप्रकरण स्थिति कर्ता जीर्ण ब्रह्मानन्द मध्यम पार्श्वचन्द्र जीर्ण जीर्ण समरसिंह मध्यम समरसिंह श्रेष्ठ धर्मसमुद्र जीर्ण समरसिंह पार्श्वचन्द्र श्रेष्ठ हर्षराज मध्यम मध्यम देववाचक मध्यम मध्यम विजयविमल गणि पूर्णता भाषा संपूर्ण मारुगुर्जर संपूर्ण मारुगुर्जर संपूर्ण मारुगूर्जर संपूर्ण मारुगुर्जर संपूर्ण मारुगुर्जर संपूर्ण मारुगूर्जर संपूर्ण मारुगूर्जर प्रा. मारुगुर्जर संपूर्ण मारुगुर्जर संपूर्ण मारुगूर्जर संपूर्ण प्रा. (पाकाहेम) पाटण कागळ प्रतोनो भंडार प्रतिलेखन वर्ष पत्र प्रत प्रकार आदिवाक्य संपूर्ण प्रा. संपूर्ण प्रा. परिमाण कागज गा. ८७ कागज गा. ७५ कागज गा. ५२ कागज गा. ७४ कागज गा. ३९८ कागज गा. २५६ कागज गा. ६१ गा. १२४ गा. ४३ कागज गा. ८८१ कागज गा. २७ कागज ग्रं. ७०० कागज गा. २९ कागज गा. २४ रचना वर्ष वि. १७८३ वि. १७मी वि. १७मी वि. १७मी वि. १५९२. वि.१७मी वि. १६मी वि.१७मी २५ वि. १६५२ वि. १६१३ वि. १६मी वि.१६मी वि. १७मी वि. १७मी ३ 495 3 ५ ११ काऊण नमोक्कारं जिणवर ३६ २ १८ जयइ जगजीवजोणीवियाणओ २ ५. क्लिन / ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडी झे. पत्र (झे. पत्र) कृति प्रकार पद्य पद्य पद्य पद्य पद्य पद्य पद्य पद्य पद्य पद्य पद्य संयुक्त प+ग पद्य पद्य प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कृति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष पत्र रजुं नथी. जीर्णप्राय (१०४४.५) (९.५४४.५) जीर्णप्राय (१०४४.५) जीर्णप्राय (१०.२x४.५) (१०४४.५) ( १०.२४४.५) (१०,५४४.५) (पे.पू. १-३) (पे.पू. ३-७) (पे.पू. ३-७) पत्र २ थी ८ नथी. (१०.५४४.५) (१०४४.७). ग्रन्थाग्र-५००., (१०४५) आनुं अने आवश्यकनिर्युक्तिनुं आदिवाक्य समान छें ( १०.२४४.२ ) ( १०.२४४.५)

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